‘जल्दबाजी में नहीं, योजनाबद्ध है नोटबंदी’

  • मौद्रिक समीक्षा में यथावत रखी नीतिगत दरें
  • आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल बोले
  • विकास अनुमान आधा फीसदी घटाया

Mumbai: रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को कहा कि नोटबंदी का फैसला जल्दबाजी में नहीं किया गया था तथा वर्तमान में भले इससे लोगों को दिक्कत हो रही हो, लेकिन मध्यम तथा दीर्घ अवधि में इससे अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। पटेल ने यहाँ चालू वित्त वर्ष की पाँचवीं मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करने के बाद संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा कि एक हजार रुपये तथा पाँच सौ रुपये के पुराने नोटों को बंद करने से पहले पूरी योजना बनाई गई थी। सरकार और आरबीआई को यह पता था कि इससे आम लोगों को तत्काल दिक्कत हो सकती हैं। लेकिन, इसके फायदे को देखते हुए तात्कालिक परेशानी और लागत के बावजूद इसे लागू करने का फैसला किया गया। केंद्रीय बैंक ने अक्टूबर की समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिए सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था, जिसे बुधवार को जारी समीक्षा में 50 आधार अंक घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया गया है। पटेल ने कहा कि इसमें करीब 15 आधार अंक की कटौती नोटबंदी को ध्यान में रखकर की गई है। मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद गवर्नर पटेल ने नीतिगत दर को 6.25 प्रतिशत पर स्थिर रखे जाने का फैसला सुनाया। आठ नवंबर को 500 और 1,000 रूपए के पुराने नोट अमान्य किए जाने के बाद यह समिति की पहली तथा कुल मिला कर दूसरी समीक्षा बैठक थी। इससे पहले समिति ने अक्तूबर में मुख्य नीतिगत ब्याज दर रेपो में 0.25 प्रतिशत कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत कर दिया था। रेपो दर वह दर है जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को नकदी की तात्कालिकि जरूरत के लिए धन उधार देता है।

बैंक अधिकारी और दो कारोबारी गिरफ्तार
नई दिल्ली (एजेंसी)। केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने बुधवार को 500 और 1000 रुपये के नोटों को रद्द करने संबंधी रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों का कथित तौर पर उल्लंघन करने पर बैंगलूर में सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया के एक वरिष्ठ मैनेजर और एक कंपनी के दो मालिकों को गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी ने सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया की बासावांगुडी शाखा के वरिष्ठ मैनेजर तथा शाखा प्रमुख एस लक्ष्मीनारायण और ओंकार परिमल मंदिर के निदेशक एस. गोपाल तथा अश्विन जी. सुनकुर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और विभिन्न ठिकानों पर तलाशी भी ली थी। इन तीनों को बुधवार सुबह बंगलूर स्थित सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जब वह कथित तौर पर कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। एजेंसी ने धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की भारतीय दंड संहिता की संबंद्ध धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। बंगलूर में बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों के आवास समेत कई स्थानों पर तलाशी के बाद एजेंसी ने दावा किया कि उन्हें अपराध में लिप्तता साबित करने वाले दस्तावेज मिले हैं, जिसमें बैंक रसीद, काउंटफॉइल, डीडी, संपत्ति के दस्तावेज, हार्ड डिस्क और 500 तथा 1000 रुपये के पुराने नोटों में 5,91,500 नकद शामिल हैं। बंगलूर की सीबीआई अदालत में दर्ज की गई प्राथमिकी में जांच ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि 15 नवंबर से 18 नवंबर के बीच बैंक मैनेजर ने आरबीआई के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करके पुणे की एक वित्त कंपनी के लिए 50,000 रुपये से कम राशि के 149 डिमांड ड्राफ्ट जारी किए थे। कुल 71 लाख रुपये के डीडी जारी किए गए थे, जिसे शाखा प्रमुख ने कंपनी के मालिकों से अमान्य नोटों के जरिए स्वीकार कर लिया। एजेंसी के मुताबिक ऐसा अमान्य नोटों को बदलने के लिए किया गया। कंपनी के मालिकों ने बाद में ड्राफ्ट रद्द करवाकर नकद प्राप्त कर लिया।

नोटबंदी: बैंक शाखाओं के रिकॉर्ड की जाँच शुरू
नई दिल्ली (एजेंसी)। नोटबंदी के बाद वित्तीय अपराधों के खिलाफ कार्रवाई तेज करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को देशभर में 50 से अधिक बैंक-शाखाओं के ‘रिकॉर्ड की जांच’ शुरू की। इसका मकसद मनी लांड्रिंग और हवाला सौदों का पता लगाना है। अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की कई टीमों ने सुबह-सुबह कम से कम 10 बैंकों की 50 शाखाओं पर यह अभियान शुरू किया। इनमें निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के बैंक हैं। यह जांच बैंक आॅडिटरों के साथ मिल कर की जा रही है, जिससे लेनदेन के रिकॉर्ड और लेखा खातों की जांच की जा सके।

बैंकों में 11.5 लाख करोड़ के पुराने नोट जमा
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आर. गाँधी ने बताया अब तक 19.5 अरब नए नोट बाजार में उपलब्ध कराए जा चुके हैं,नोटबंदी के बाद से 11.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित नोट बैंकों में वापस जमा कराए जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि कुल 15 लाख करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित नोट प्रचलन में होने का अनुमान था।

35 लाख रुपये से भरा लावारिस बैग मिला
गया। बिहार में पूर्व मध्य रेलवे के गया जंक्शन स्टेशन से रेल पुलिस ने रात 12366 अप पटना-रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस से 35 लाख रुपये के पुराने नोट बरामद किए हैं। रेल पुलिस सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि रांची से पटना जा रही जनशताब्दी एक्सप्रेस रात जब गया जंक्शन पहुंची तो विशेष चैकिंग अभियान के दौरान बॉगी संख्या डी-दस में दो लावारिस बैग मिले।