नहीं की आराम की परवाह, हर लम्हा कर दिया साध-संगत को समर्पित

Saint Dr MSG

पिछले 30 दिनों में 630 घंटे मानवता को समर्पित, केवल 90 घंटे ही आराम

  • पूज्य गुरू जी के हर 24 में से 21 घंटे मानवता को समर्पित

ज्यादा से ज्यादा मानवता को रहें समर्पित इसके लिए कम से कम आराम करते हैं पूज्य गुरू जी, महाभारत में उपयोग हुई थी ये तकनीक

चंडीगढ़-सरसा (अनिल कक्कड़)। पूज्य गुरू संत डाॅ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां 17 जून से पैरोल पर बरनावा आश्रम, बागपत, उत्तर प्रदेश में पधारे हुए हैं। पूज्य गुरू जी पहले दिन से लेकर अब तक लगातार मानवता को समर्पित हैं और 24 घंटे में से केवल मात्र 3 घंटे भर की ही नींद लेते हैं। हैरानी यह भी रहती है कि बावजूद इसके पूरा दिन पूज्य गुरू जी न उबासी लेते नजर आते हैं और न ही शरीर या चेहरे पर जरा मात्र भी थकान नजर आती है। बता दें कि Sunday, 17 जुलाई को पूज्य गुरू जी को बरनावा आश्रम पधारे हुए 30 दिन हो गए हैं और यदि इन दिनों को घंटों के हिसाब से देखा जाएगा तो कुल 720 घंटे बनते हैं। वहीं यदि पूज्य गुरू जी 24 घंटे में से केवल तीन घंटे ही आराम करते हैं और यदि पूज्य गुरू जी के आराम के घंटे जोड़े जाएं तो मात्र 90 घंटे ही आराम के बनते हैं।

सच कहने की ताकत रखने वाले की खबर को सराहा

वहीं पूज्य गुरू जी ने गत दिवस आयोजित हुई आॅनलाइन मजलिस में साध-संगत को संबोधित करते हुए सच कहूँ की 13 जुलाई को शीर्षक ‘पूज्य गुरू जी 24 घंटे में से केवल 3 घंटे करते हैं आराम’ से प्रकाशित खबर का जिक्र किया और इसे सराहा। पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि उन्हें खुशी हुई हुई कि ‘कोई तो सच लिखता है। वहीं पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि वाकई में ही उन्हें 3 घंटे ही आराम करने का समय मिलता है और उन्हें उतना ही काफी है क्योंकि मानवता के कार्यांे को ज्यादा से ज्यादा समय देना ही उनका मकसद है।

रोजाना 21 घंटे मानवता को समर्पित

जब से पूज्य गुरू जी बरनावा आश्रम पधारे हैं साध-संगत के पांव जमीन पर नहीं हैं। पूज्य गुरू जी पूरे दिन में 21 घंटे साध-संगत और मानवता को समर्पित कार्यांे में बिताते हैं। प्रशासनिक अनुमतियों के तहत साध-संगत से मिलना, उनकी कुशल क्षेम पूछना, आॅनलाइन साध-संगत से संवाद, कृषि कार्यों को देखना, सेवादारों के साथ विभिन्न खेलों में हिस्सा लेना इसी के साथ-साथ तमाम मानवता की कुशलक्षेम के लिए परमपिता परमात्मा से अरदास व आॅनलाइन आकर साध-संगत व आम जन के सवालों के जवाब देना इत्यादि, पूज्य गुरू जी की दिनचर्या में शामिल है। पूज्य गुरू जी का पूरा शैड्यूल अत्यंत बिजी रहता है बावजूद इसके पूज्य गुरू जी बेहद उर्जावान और नूरो-नूर रहते हैं।

क्या कोई आम इंसान रोजाना तीन घंटे में अपनी नींद कर सकता है पूरी!

यह एक वैज्ञानिक सवाल हो सकता है कि क्या कोई व्यक्ति रोजाना केवल मात्र तीन घंटे की नींद लेकर अपनी दिनचर्या इतनी उर्जावान रख सकता है! शायद नहीं, क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका में हुए शोध, जो कि बीबीसी पर हाल ही में पब्लिश हुआ उसमें लिखा गया कि व्यक्ति की उम्र पर निर्भर करता है कि उसे कितनी नींद लेनी चाहिए।

इस शोध में 26 से 64 साल के व्यक्ति के लिए 7 से 9 घंटे की रोजाना नींद की सलाह दी गई है और साथ में कहा गया है कि कम से कम 6 घंटे और ज्यादा से ज्यादा से 11 घंटे की नींद होनी चाहिए। लेकिन पूज्य गुरू जी जो अध्यात्म से लबरेज हैं और लगातार मैडिटेशन में रहते हैं ऐसे में माना जा सकता है कि पूज्य गुरू जी मैडिटेशन आधारित एनएसडीआर जैसी ताकतवर तकनीक जो कि पुरातन समय में ऋषियों-मुनियों द्वारा एवं महाभारत काल में अर्जुन ने भी उपयोग की थी, वैसी तकनीक के पुरोधा हैं।


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