अलविदा जेटली

#Arun Jaitley #BJP

जन्म: 28 दिसम्बर 1952, निधन: 24 अगस्त 2019

  • अवसान: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन, आज होगा अंतिम संस्कार

  •  शनिवार दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर अंतिम सांस ली

  •  जेटली कैंसर की बिमारी से जूझ  रहे थे

  •  पीएम मोदी व राष्टपति कोविंद ने जताया शोक

नई दिल्ली (एजेंसी)।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, जानेमाने अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे। उन्होंने दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर अंतिम सांस ली। बीजेपी नेता सुधांशु मित्तल के मुताबिक रविवार दोपहर निगमबोध घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा।

किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके जेटली को कैंसर हो गया था। जेटली के परिवार में पत्नी एक पुत्र और एक पुत्री हैं। वह राज्यसभा सदस्य थे। उन्होंने 1974 से राजनीति का सफर शुरू किया था। पिछले साल उनका गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया था। दूसरी बार मोदी सरकार के गठन के बाद उन्होंने मंत्री बनने से इन्कार कर दिया था। वाजपेयी सरकार के दौरान उन्हें 13 अक्टूबर 1999 को सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया।

उन्हें विनिवेश राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी नियुक्त किया गया। बाद में उन्हें कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी मिला था। पिछले दिनों राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने अस्पताल पहुंचकर उनका हालचाल जाना था। जेटली का निधन ऐसे वक्त में हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर अभी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जेटली के निधन पर शोक व्यक्त किया।

  • कांग्रेस पार्टी ने शोक वक्त किया

कांग्रेस पार्टी ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘हम अरुण जेटली के निधन की खबर से बहुत दुखी हैं। उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदना है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि जेटली ने सार्वजनिक जीवन में लंबी पारी खेली है। एक सांसद और मंत्री के रूप में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

  • वकील से राजनेता तक का शानदार सफर

दिल्ली विश्वविद्यालय से छात्र नेता के रूप में राजनीतिक करियर की शुरूआत करने वाले जेटली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी थे। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्रालय संभालने वाले जेटली स्वास्थ्य कारणों से मोदी-2 सरकार में शामिल नहीं हुए थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे थे। उनकी गिनती देश के बेहतरीन वकीलों के तौर पर होती रही। 80 के दशक में ही जेटली ने सुप्रीम कोर्ट और देश के कई हाई कोर्ट में महत्वपूर्ण केस लड़े। 1990 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट ने सीनियर वकील का दर्जा दिया। वी.पी. सिंह की सरकार में उन्हें अडिशनल सॉलिसिटर जनरल का पद मिला था।

 

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