जीडीपी में 7.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान

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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को घोषित मौद्रिक नीति में लगातार तीसरी बार रेपो दर और रिवर्स रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज इसका ऐलान किया। आरबीआई ने रेपो दर चार प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर भी 3.35 फीसदी पर यथावत रखी है। यह लगातार तीसरी बार है जब आरबीआई ने दोनों दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। दास ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद ( जीडीपी) दर नकारात्मक 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी मांग में सुधार देखने को मिल रहा है।

ग्रामीण मांग में सुधार से और मजबूती मिलने की उम्मीद है जबकि शहरी मांग भी गति पकड़ रही है। शक्तिकांत दास ने कहा है कि समिति ने मौद्रिक नीति समायोजन का सिलसिला तब तक जारी रखने का फैसला किया, जब तक कम से कम चालू वित्त वर्ष तक और अगले साल तक टिकाऊ आधार पर विकास गति नहीं पकड़ लेता है। इसके अलावा मुद्रास्फीति के लक्ष्य को सुनिश्चित करते हुए कोविड-19 के प्रभाव को कम न कर लिया जाए। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि खरीफ की बंपर पैदावार से सर्दी के मौसम में मुद्रास्फीति में कुछ राहत के बावजूद इसके अधिक रहने की संभावना है।

नीति में इसके अलावा एमएसएफ और बैंक दर में भी कोई बदलाव नहीं कर इसे भी 4.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। दास ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति तीसरी तिमाही में 6.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के झटके के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार नजर आ रहा है और रोज नये क्षेत्र भी सुधार की राह पर लौटते दिख रहे हैं। दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 0.1 प्रतिशत के साथ सकारात्मक दायरे में लौटने का अनुमान लगाया गया है। अंतिम तिमाही में 0.7 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। वित्त वर्ष जीडीपी में 7.5 प्रतिशत की गिरावट रहने का अनुमान लगाया गया है।

 

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