नेशनल लोक अदालत में 8401 मुकदमों का आपसी सहमति से किया निपटारा

National Lok Adalat sachkahoon

पानीपत 12 मार्च- राज्य विधिक सेवा (National Lok Adalat) प्राधिकरण के निर्देशानुसार और श्रीमती मनीषा बतरा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-एवं-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पानीपत के कुशल मार्गदर्शन में सेशन डिवीजन, पानीपत में शनिवार को अधिनिर्णय की पूरी प्रक्रिया न्यायाधीशों, वकीलों, वादियों, बीमा कंपनियों और बैंक प्रतिनिधियों के बीच न्यायालय में निजी रूप से आकर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया ।

18 लोक अदालतों की खंडपीठ का गठन किया गया, लंबित मामलों के साथ-साथ पूर्व मुकदमेबाजी के मामलों से निपटने के लिए लोक उपयोगिता सेवाओं की खंडपीठ का भी गठन किया गया जिसमें दुर्घटना के दावे, चेक बाउंस, बैंक वसूली, नागरिक विवादों से संबंधित सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं भी शामिल हैं और यहां तक कि घरेलू हिंसा अधिनियम आदि से संबंधित कंपाउंडेबल अपराधों के आपराधिक मामले भी शामिल है।

श्री अमित शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बताया कि लोक अदालत विवादों के निपटान के प्रभावी तरीकों में से एक है। लोक अदालतों में विवादों का सौहार्दपूर्वक निपटारा किया जाता है। “सभी के लिए न्याय तक पहुंच” के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एडीआर तंत्र का संवर्धन काफी महत्वपूर्ण है। लोक अदालत को स्थायी और निरंतर प्रक्रिया बनाने के लिए, सत्र न्यायालय, पानीपत में दैनिक लोक अदालतें भी आयोजित की जाती हैं।

उन्होंने आगे खुलासा किया है कि 11429 मुकदमों को लिया गया था जिनमें से 8401 मुकदमों को लोक अदालत (National Lok Adalat) में पारंपरिक रूप से निपटाया गया। लोक अदालत में निपटान की राशि 56800107 (पांच करोड़ अड़सठ लाख एक सौ सात रुपए थी।

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