गुजरात में दिखा गुरु श्रद्धा और दृढ़ विश्वास का अनोखा संगम

A Unique Confluence sachkahoon

ब्लॉक भचाऊ (जिला भुज) की साध-संगत ने नामचर्चा के दौरान किये मानवता भलाई कार्य

  • 138 मानवता भलाई कार्यों के तहत जरूरतमंदों को राशन व बच्चों को दी स्टेशनरी

  • हाथ खड़े कर मानवता भलाई कार्यों को गति देने का संकल्प दोहराया

सच कहूँ/विजय शर्मा, भुज। गुजरात राज्य के जिला भुज के ब्लॉक भचाऊ स्थित प्रजापति समाज वाड़ी में रविवार को आयोजित विशाल नामचर्चा के दौरान उमड़ी साध-संगत में श्रद्धा व दृढ़ विश्वास का अनूठा संगम (A Unique Confluence) देखने को मिला। नामचर्चा में उपस्थिति डेरा श्रद्धालुओं ने जहां गुरु महिमा का गुणगान किया। वहीं पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा समाज व इंसानियत पर किये गए उपकारों को लेकर कोटि-कोटि धन्यवाद किया।

इससे पूर्व नामचर्चा की शुरूआत ब्लॉक भंगीदास मनसुख इन्सां ने इलाही नारा ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ बोलकर किया। जिसके बाद नामचर्चा में पहुंचे कविराजों ने पवित्र ग्रंथों से भजन बोलकर राम-नाम का गुणगान किया। नामचर्चा में मौजूद शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों व डेरा श्रद्धालुओं ने एक जुटता के साथ मानवता भलाई कार्यों को गति देने का संकल्प दोहराया। ज्ञात रहे कि डेरा सच्चा सौदा की स्थापना पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने 29 अप्रैल 1948 को रखी थी।

इस रूहानी स्थापना दिवस को इस बार पूरे विश्व में सवा 6 करोड़ श्रद्धालुओं द्वारा अभी से ही मानवता भलाई कार्यों के साथ मनाया जाना शुरू हो गया है। नामचर्चा में इस दौरान एच.के. साहनी, पर्वत भाई इन्सां, कान्हा भाई इन्सां, भूरा भाई इन्सां, गेला भाई इन्सां, राणा भाई इन्सां, विसा भाई इन्सां, दिग्विजय भाई इन्सां, हैप्पी इन्सां सहित अन्य ब्लॉकों के जिम्मेवार मौजूद रहे।

फूड बैंक से जरूरतमंदों दी राशन किट, बच्चों को मिली स्टेशनरी तो खिल उठे चेहरे (A Unique Confluence)

ब्लॉक भचाऊ की साध-संगत द्वारा इस शुभअवसर पर मानवता भलाई के कार्य भी किए गए। जिसमें साध-संगत द्वारा फूड बैंक से 30 अति जरूरतमंद परिवारों को राशन किट व 25 विद्यार्थियों को स्टेशनरी वितरित की, जिसमें स्कूल बैग, ज्मैटरी बॉक्स, कॉपियां, पैंसिल इत्यादि शामिल थे।

बता दें कि उक्त फूड बैंक डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा शुरू किया गया था। जिसमें सप्ताह में एक दिन साध-संगत उपवास रखकर राशन एकत्रित करती है। इसके साथ ही साध-संगत द्वारा 138 मानवता भलाई के कार्य किये जा रहे हैं, जिसमें खूनदान, जीते जी गुर्दादान, मरणोपरांत शरीरदान, पौधारोपण, बेटियों की शादी, मकान बनाकर देना, नेत्रदान सहित अन्य परहित कार्य शामिल है।

डेरा श्रद्धालु बोले : इंसानियत की सेवा के लिए हर समय तैयार थे, हैं ओर आगे भी रहेंगे (A Unique Confluence)

भीषण गर्मी के बावजूद आयोजित इस नामचर्चा में विभिन्न ब्लॉकों से साध-संगत का उमड़ा ये हुजूम इस बात का गवाह बना की आज भी डेरा श्रद्धालुओं का दृढ़ विश्वास अपने पूज्य गुरु जी पर ज्यों का त्यों बरकरार है। वहीं डेरा श्रद्धालुओं ने कहा कि पूज्य गुरु जी द्वारा दी गई पावन शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए मानवता व इंसानियत की सेवा के लिए वह हर समय तैयार थे, हैं और आगे भी हमेशा रहेंगे। डेरा श्रद्धालुओं ने एकजुटता के साथ कहा कि दुनियां की कोई भी ताकत पूज्य गुरु जी के प्रति हमारे विश्वास को ढुलाना तो तिनके जितना भी कम नहीं कर सकती।

ऑनलाईन सुने पूज्य गुरु जी के अनमोल वचन, शाही पत्र सुन भावुक हुई साध-संगत

नामचर्चा के दौरान डेरा सच्चा सौदा से लाइव प्रसारण भी किया गया। जिसमें पूज्य गुरु जी के अनमोल वचन सुन साध-संगत निहाल हुई। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि इंसान को भगवान को पाना है तो सच्ची तड़प से भक्ति करनी होगी। क्योंकि भगवान भावना का भूखा है इंसान के पैसों का नहीं। वहीं इस दौरान जैसे ही पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा भेजा गया शाही पत्र डेरा श्रद्धालुओं को सुनाया गया तो साध-संगत के आंसू झलक पड़े।

पूज्य गुरु जी के आह्वान पर, साध-संगत ने रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए की प्रार्थना

नामचर्चा में पूज्य गुरु संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शाही पत्र के माध्यम से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की समाप्ति के लिए साध संगत से प्रार्थना करने का आह्वान किया। जिसके बाद नामचर्चा में मौजूद बड़ी संख्या में साध-संगत ने सतगुरु के चरणों में प्रार्थना की। ताकि विश्व में शांति कायम रहे।

ये नामचर्चा तो उन्हीं गुरु जी की है, जो 2001 में गुजरात में मदद के लिए आए थे….

रविवार को नामचर्चा के दौरान कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला जब नामचर्चा में पहुंचे समाजिक संगठनों से जुड़े कुछ लोग ये चर्चा करते हुए बोले कि ये नामचर्चा तो उन्हीं गुरु जी की है, जो 2001 में गुजरात के कच्छ में भूकम्प के दौरान मदद के लिए आए थे। गुजरात के लोग पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा प्राकृतिक आपदा के दौरान पीड़ितों की कि गई मदद को आज भी याद करते हैं। लोगों का कहना है था कि उन्होंने ऐसा संत, गुरु, फकीर आज तक नहीं देखा।

स्थानीय मीडिया भी हुआ डेरा सच्चा सौदा के मानवता भलाई कार्यों की कायल (A Unique Confluence)

नामचर्चा कार्यक्रम में कवरेज के लिए पहुंचे पत्रकार भी डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई कार्यों के कायल हो गए। पत्रकार गनी भाई और कमलेश भाई ने कहा कि हम खुद को खुशनसीब समझते हैं कि उन्हें इस कार्यक्रम में उपस्थित होने का मौका मिला। भूकंप के समय भी इस संस्था ने मदद करने का काम किया था और उसके बाद से अब तक लगातार जरूरतमंदों तक हर मदद पहुंचा रही है। हम समाज के अन्य संगठनों से भी कहना चाहेंगे कि वह भी डेरा सच्चा सौदा से प्रेरणा लेकर मानवता भलाई कार्यों में आगे आएं।

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