अमृतसर की महज 39 दिन की अबाबत बनी सबसे छोटी ऊम्र की ऑर्गन डोनर

अमृतसर (सच कहूँ न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात (Mann Ki Baat) की 99वीं कड़ी में संबोधन करते हुए कहा कि देश में अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। इसी संदर्भ में उन्होने अमृतसर (Amritsar) की सबसे छोटी ऊम्र 39 दिन की अंगदान कर्ता गुड़िया अबाबत कौर की बात करते हुए कहा कि अबाबत कौर के अंग दान कर उसके माता पिता ने बहुत बड़ा परमार्थ किया है। अमृतसर के सुखबीर सिंह संधू और सुप्रीत कौर के घर एक बहुत सुंदर गुडिया अबाबत कौर ने जन्म लिया था लेकिन अबाबत जब सिर्फ 39 दिन की थी, तभी वह यह दुनिया छोड़कर चली गई। लेकिन सुखबीर सिंह संधू और उनकी पत्नी सुप्रीत कौर ने, उनके परिवार ने, उनतालीस (39) दिन की उम्र वाली बेटी के अंगदान का बहुत ही प्रेरणादायी फैसला लिया।

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अचानक उसका दिल एकदम काम करना बंद हो गया

प्रधानमंत्री (Narendra Modi) से बात करते हुए सुखबीर सिंह ने बताया कि अबाबत कौर के पैदा होते ही उन्हे पता चला कि उसके दिमाग में एक ऐसा नाड़ियों का गुच्छा बना हुआ है जिसकी वजह से उसके दिल का आकार बड़ा हो रहा है। तो हम हैरान हो गए कि बच्चे की सेहत इतनी अच्छी है, इतना खुबसूरत बच्चा है और इतनी बड़ी समस्या लेकर पैदा हुआ है तो पहले 24 दिन तक तो बिलकुल समान्य रहा। अचानक उसका दिल एकदम काम करना बंद हो गया, तो हम जल्दी से उसको हॉस्पिटल लेके गए, वहाँ, डॉक्टरों ने उसको रिवाईव तो कर दिया लेकिन समझने में टाईम लगा कि इसको क्या दिक्कत आई इतनी बड़ी दिक्कत की छोटा सा बच्चा और अचानक दिल का दौरा पड़ गया

तो हम उसको इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ ले गए। उन्होने बताया कि अबाबत जब केवल 39 दिन की जब हुई तब डॉक्टर ने कहा कि इसको दोबारा दिल का दौरा पड़ा है अब उम्मीद बहुत कम रह गई है। तो हम दोनों मियाँ-बीवी रोते हुए इस निर्णय पे पहुंचे कि हमने देखा था उसको बहादुरी से जूझते हुए बार बार ऐसे लग रहा था जैसे अब चला जाएगी लेकिन फिर रिवाईव कर रही थी तो हमें लगा कि इस बच्चे का यहाँ आने का कोई मकसद है तो उन्होंने जब बिलकुल ही जवाब दे दिया तो हम दोनों ने बच्चे के अंगदान (Organ Donation) करे का फैसला किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में परमार्थ को इतना ऊपर रखा गया है कि दूसरों के सुख के लिए, लोग, अपना सर्वस्व दान देने में भी संकोच नहीं करते। इसलिए तो हमें बचपन से शिवि और दधीचि जैसे देह-दानियों की गाथाएँ सुनाई जाती हैं। मोदी ने कहा कि गुरुओं ने जो शिक्षा दी है उसे उन्होने जीकर के दिखाया है। उन्होने कहा कि बेटी का जन्म जब होता है तो अनेक सपने अनेक खुशियाँ लेकर आता है, लेकिन बेटी इतनी जल्दी चली जाए वो कष्ट कितना भयंकर होगा उसका भी मैं अंदाज लगा सकता हूँ।

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