सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई करेगा प्रशासन

Supreme-Court sachkahoon

दो दिन बाद खोरी गांव में ढहेंगे 10 हजार मकान

  • ग्रामीणों ने शुरू किया पलायन

फरीदाबाद। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फरीदाबाद के खोरी गांव में तोडफोड़ होनी थी, जिसे अब 2 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि लोग घरों से सामान निकाल कर दूसरे स्थानों पर चले जाएं और तोडफोड़ करते समय उनका सामान सुरक्षित रहे। ऐसे में बहुत से परिवारों ने यहां से पलायन करना शुरू कर दिया है। बहुत से परिवार विभिन्न साधनों से अपना सामान निकाल कर लेकर जाते दिखाई दिए। खोरी में होने वाली तोडफोड़ को लेकर प्रशासन अपनी तैयारियां पूरी कर चुका है और 2 दिन बाद प्रशासन खोरी गांव में तोडफोड़ शुरू करेगा। ये तोडफोड़ खोरी गांव के जंगलों में बने करीब 10000 मकानों के ऊपर की जाएगी।

गौरतलब है कि फरीदाबाद प्रशासन को 6 हफ्ते का समय दिया गया है। प्रशासन ने अब तक की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और 2 दिन बाद यहां पर प्रशासन मकानों को तोड़ने का काम शुरू करेगा। ऐसे में प्रशासन के द्वारा यहां पर लगातार लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि वो जल्द से जल्द अपना सामान निकाल कर दूसरी जगह चले जाएं, ताकि तोडफोड़ करते समय उनके सामान को किसी प्रकार का नुकसान ना पहुंचे। प्रशासन के इस आदेश के बाद लोगों ने घरों से सामान निकालना शुरू कर दिया है। लोगों ने सामान निकाल कर अपने घरों के बाहर खुली जगह पर करना इकट्ठा शुरू कर दिया है और कुछ परिवार टेंपो इत्यादि से अपना सामान दूसरी जगह पर लेकर जा रहे हैं।

धारा 144 लागू, पुलिस भी सतर्क

उधर जिला मजिस्ट्रेट यशपाल ने खोरी गांव में उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार अवैध निर्माण हटाए जाने के दौरान किसी भी तरह के तनाव, जनहानि व दंगे की आशंका, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की आशंका के मद्देनजर दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए हैं। अपने आदेशों में जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि अवैध निर्माण हटाए जाने के दौरान किसी भी तरह के तनाव की आशंका, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की आशंका को देखते हुए खोरी गांव के 200 मीटर के दायरे में पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई जाती है। इसके अलावा किसी भी तरह का आग्नेय अस्त्र, लाठी, जेली, चाकू, तलवार, गंडासा अथवा किसी भी तरह का हथियार लेकर जाने पर भी पाबंदी होगी। जिला मजिस्ट्रेट ने अपने आदेशों में कहा कि यह आदेश ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारियों अथवा पुलिसकर्मियों पर लागू नहीं होंगे।

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