हरियाणा, पंजाब, यूपी और पाकिस्तान के कई हिस्सो में जलाई जा रही पराली को बताया जा रहा वायु प्रदूषण की बड़ी वजह
चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़)। उत्तर भारत में एक बार फिर से वायु की गुणवत्ता खराब हो गई है, दिल्ली और आस पास सटे एनसीआर के इलाकों में लोगों को सांस लेने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा इसी वर्ष नहीं हो रहा बल्कि यह बीते कई सालों से हो रहा है। बीते कुछ सालों से देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की वजह पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली को जिम्मेदार ठहरा जा रहा है, इसके लिए कभी किसानों को दोष दिया गया, तो कभी सरकारें निशाने पर रहीं। प्रदूषण से परेशान हो चुके लोग अदालतों तक के दरवाजे खटखटा चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है।
1000 कस्टम हायरिंग सैंटर किसानों की मदद के लिए बनाए गए
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने माना कि पराली जलाने की समस्या न केवल हरियाणा, बल्कि पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित अनेक राज्यों की समस्या हैं। इसीलिए किसानों को पराली जलाने की बजाए उसको खाद के रूप में प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए कस्टम हायरिंग सैंटर हर खंड स्तर पर बनाए गए हैं, जहां पर किसानों को 50 से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर पराली प्रबंधन की मशीने खरीदने व किराये पर देने के लिए उपलब्ध करवाई गई हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि 50 पैसे प्रति किलो किसान की पराली खरीदी जाएगी, इसीलिए किसानों को संयम बररते हुए पराली के उचित प्रबंधन की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए।
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