कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी के ऐलान से पंजाब कांग्रेस में मचा हाहाकार

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्याता ने इस्तीफा देने के साथ ही ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ नाम से नये राजनीतिक दल के गठन की भी घोषणा कर दी है, जिससे पंजाब कांग्रेस में खलबली मच गई है। कांग्रेस को डर है कि अगर कैप्टन विधायकों में सेंध लगा दी तो पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने मंगलवार देर रात कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक की जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू, हरीश रावत समेत अन्य नेता भी शामिल हुए।

कांग्रेस को वोट बैंक खिसकने का डर सता रहा है

कैप्टन और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले दिनों जो टकराव की स्थिति रही वो किसी से छिपी नहीं है। नवजोत सिंह सिद्धू पहले कैप्टन कैबिनेट में मंत्री थे लेकिन फिर उन्होंने इस्तीफा देकर कैप्टन के खिलाफ ही हो गए थे। सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया तो यह कैप्टन खेमे के लिए झटका माना गया। इसके बाद कैप्टन ने खुद ही पार्टी को दरकिनार कर दिया। और 18 सितंबर को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद कांग्रेस ने पंजाब में दलित सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया गया। लेकिन कांग्रेस को अभी भी एक डर सताया जा रहा है कि किसान और बाकी समुदायों के वोट अगर खिसक गए तो पार्टी के लिए दोबारा सत्ता की राह मुश्किल हो जाएगी।

भाजपा के साथ जा सकते है कैप्टन

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले ही कह चुके है कि अगर किसानों की समस्या का हल केन्द्र सरकार निकाल लेती है तो वह पंजाब में भाजपा के साथ गठबंधन बना लेंगे। गौरतलब हैं कि कैप्टन के प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे संबंध है। इससे पहले अमित शाह और पीएम से भी मिल चुके है। मीडिया में तो यह भी चर्चा जोरो पर है कि कैप्टन किसानों का हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं अगर किसानों का हल निकल जाता है तो पंजाब की राजनीति में नए समीकरण पैदा हो जाएंगे।

नवजोत सिद्धू के साथ कोई बैठक नहीं हुई: हिंदू महासभा

अखिल भारत हिन्दू महासभा ने स्पष्ट किया है कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू राज्य के लोगों को यह कह कर गुमराह कर रहे है कि हिंदू महासभा उनके साथ है और इसके कुछ प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की थी। महासभा के अध्यक्ष राज कुमार शर्मा और राष्ट्रीय प्रवक्ता पंकज शर्मा ने आज यहां जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि महासभा का कभी कोई प्रतिनिधि सिद्धू से नहीं मिला। इन्होंने कहा कि कांग्रेसियों के कुछ लोगों ने एक संयुक्त हिन्दू महासभा खड़ी की है जिसका उनकी महासभा के साथ कोई सम्बंध नही है। ये लोग हिंदू समाज को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।

 

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