फिरोजपुर : बासमती के कम उत्पादन व कम रेट ने किसानों की करवाई तौबा

Basmati

रोष। किसानों की सरकार से धान की तरह बासमती किस्म का भी सही मूल्य तय करने की मांग | Basmati

फिरोजपुर(सच कहूँ/सतपाल थिन्द)। शुरूआती समय दौरान धान की किस्म बासमती 1121 (Basmati) के लगते अधिक रेटों के कारण जहां किसानों के वारे नआरे हो गए थे लेकिन इस बार बासमती 1121 के कम उत्पादन के साथ हुए कम रेट कारण किसानों को पड़ रहे आर्थिक घाटे किसानों की तौबा करवा रहे हैं। मंडियों में 1121 के लग रहे रेट को देखते किसान फसल को मंडियों में लेजाने की बजाय घर में ही संभालने पर जोर दे रहे हैं।

इस संबंधी जानकारी देते कुलदीप सिंह, हरजिन्दर सिंह आदि किसानों ने बताया कि पिछले सालों में 3500 से अधिक रूपये प्रति क्विंटल बिकने वाली 1121 इस बार 2500 -2600 रुपये प्रति क्विंटल मंडियों में बिक रही है। किसानों ने बताया कि पिछले सालों में बासमती में होते लाभ को देखते उनकी तरफ से उत्साह के साथ खेतों में 1121 किस्म की बिजाई की गई थी परंतु कम उत्पादन होने के साथ-साथ इस बार कम रेट मिलने कारण किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। मंडियों में लगती बोली को देखते हुए किसान अनिश्चितता में फंस गए हैं और 1121 का रेट बढ़ने की आशा के साथ अब किसान 1121 को मंडियों में लेजाने की बजाय घरों में संभाल रहे हैं।

किसानों की होती लूट पर सरकार दे ध्यान: किसान नेता | Basmati

क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता अवतार महिमा ने बताया कि बासमती 1121 के कम रेट देकर व्यापारियों की ओर से सरेआम किसानों की लूट की जा रही है क्योंकि किसानों की ओर से अपनी, जरूरतों को पूरा करने के लिए मजबूरन 1121 कम रेट पर बेचने के लिए मजबूर हैं। इसलिए पंजाब सरकार को ध्यान देना चाहिए कि पंजाब के कई जिलों में बड़ी संख्या में बासमती 1121 की काश्त की जाती है, इसलिए सरकार को इसका 4 हजार प्रति क्विंटल रेट तय कर किसानों की हो रही लूट पर रोक लगानी चाहिए। अवतार महिमा ने बताया कि किसानों की ओर से घरों में बासमती रखने के साथ उन पर ओर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।

  • किसानों ने बताया कि 1121 को घरों में संभालने से उन पर और आर्थिक बोझ बढ़ेगा
  • क्योंकि फसल की संभाल के लिए उनको फसल की सफाई, भराई, ढुलाई आदि के
  • खर्च किसानों को एक बार खुद अपनी जेब में से करने पड़ने हैं
  • फसल को संभाल कर रखने के बाद भी रेट कितना मिलेगा
  • उसका भी अभी कुछ नहीं कहा जा सकता और जितने समय तक फसल संभालनी पड़ी
  • उसकी संभाल के लिए किसानों को खुद को खर्चा करना पडेगा।
  • सरकार से किसानों ने अपील करते कहा कि शुरू करने की बाकी
  • किस्मों की तरह 1121 किस्मों का भी मूल्य तय करना चाहिए जिससे
  • किसानों का नुक्सान से बचाव हो सके।

 

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