शातिर ठगों से सावधान: बिना OTP के हो रहे खाते खाली!

साइबर ठग ऑनलाइन डेटा चुराकर करते हैं खाता साफ

  • पिछले एक माह में आई 30 शिकायते: एसएचओ
  • डेमो के जरिए बताए बचाओ के तरीके
  • अपील: आमजन जरूरत पड़ने पर ही एईपीएस को अनलॉक करें

भिवानी (इन्द्रवेश)। बदलते समयनुसार वर्तमान में मानव आज विज्ञान के बल पर उच्च तकनीक का प्रयोग करके अपने जीवन को सुविधाजनक व आरामदायक बना रहा है। वैसे ही कुछ गलत नियत रखने वाले अपराधी किस्म के व्यक्ति उन्हीं तकनीकों का प्रयोग करके गलत फायदा उठा रहें हैं। जी हां कुछ ऐसी ही 30 शिकायतें साइबर क्राइम थाना भिवानी में मिली हैं। जिन तकनीकों का प्रयोग करके साइबर ठग लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।

cyber crime

क्या है मामला

अगर आप भी आॅनलाइन सुविधाओं का सहारा ले रहें हैं तो हो जाइए सावधान!क्योंकि साइबर ठग आपके खाते पर टकटकी लगाएं हुए हैं और पलक झपकते की आपका खाता साफ कर देंगें।इससे बचाव की जानकारी पुलिस द्वारा दी गई है।

पुलिस ने लोगों को किया जागरूक

इसी कड़ी में भिवानी पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत के दिशा निर्देश अनुसार साइबर क्राइम थाना भिवानी प्रभारी विकास कुमार द्वारा लोगों को एक डेमो के जरिए जागरूक किया गया है ताकि आमजन तरह की साइबर ठगी का शिकार न हों।ठगी से बचाओ के लिए स्टेप बाई स्टेप डेमो देखिए—

साइबर थाना प्रभारी ने दी जानकारी

इस बारे के विस्तार से जानकारी देते हुए साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि बैंक द्वारा सभी उपभोक्ताओं को अपने बायोमेट्रिक के माध्यम से पैसे निकालने के लिए सुविधा प्रदान करती है। जिसे आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम कहा जाता है। इसको भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा विकसित किया गया है। इस तकनीक का प्रयोग करके उपभोक्ता अपना आधार कार्ड नम्बर ,फिगर प्रिंट स्कैन कर ट्रांजेक्शन कर सकता है।

ठग इसका गलत फायदा उठाते हुए रजिस्ट्री का आॅनलाइन डेटा डाउनलोड करके यानी बायोमेट्रिक डेटा चुराकर खाते खाली कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि इस तरह की 30 शिकायतें एक माह में आ चुकी है जिसकी गहनता से जाँच जारी है और जल्द ही इन साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसा जाएगा।उन्होंने कहा कि पहले भी पुलिस इस तरह के कुछ साइबर ठगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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