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बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के राज्यपाल से मंगलवार को मिलने समय मांगा है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो नीतीश नए गठबंधन की सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।
पटना (एजेंसी)। भाजपा और जेडीयू गठबंधन टूटने की कगार पर है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट की मानें तो भाजपा हाईकमान ने नीतीश कुमार को दिल्ली तलब किया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। बताया जा रहा है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार आज अपने विधायकों संग बैठक लेंगे और वहीं निर्णय लिया जाएगा कि सरकार में रहना है या नहीं। उधर कांग्रेस के भी विधायकों की बैठक आज ही होनी है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निश्चिंतता जताते हुए आज कहा कि राज्य में सरकार पूरी तरह से स्थिर है और सत्ता परिवर्तन की बातें सिर्फ कयासबाजी हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार स्थिर है। यहां कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता परिवर्तन की बातें सिर्फ कयासबाजी है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग से अलग होने के सवाल पर कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। वहीं, उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की ओर से भाजपा पर जदयू को कमजोर करने का आरोप लगाने के सवाल पर कहा कि ऐसा कोई आरोप भाजपा पर जदयू ने नहीं लगाया है। किसी नेता की ओर से ऐसा कुछ नहीं कहा गया है।
बिहार विधानसभा की स्थिति
- विधानसभा की कुल सीटें – 243 (अनंत सिंह की सदस्यता खत्म होने के बाद अभी कुल – 242)
- भाजपा : 77
- राजद : 79
- जदयू : 45
- कांग्रेस : 19
- वामदल : 16
- हम : चार
- एमआइएमआइएम : एक
- निर्दलीय : एक
बिहार की मौजूदा स्थिति पर भाजपा का रुख
बड़ी राजनीतिक हलचल के बीच भाजपा की चुप्पी के भी मायने हैं। उसे नीतीश कुमार के फैसले का इंतजार है। यही कारण है कि शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश के अपने नेताओं के मुंह पर ताले जड़ दिए हैं। बयानबाजी नहीं करने की हिदायत दी गई है। राजनीतिक गतिरोध के बीच बिहार भाजपा के प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, सांसद रविशंकर प्रसाद, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन समेत कई नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जदयू के नेता आरसीपी सिंह का केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा हुआ था। सिंह का राज्यसभा कार्यकाल खत्म होने के बाद जदयू कोटा से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल इकलौते चेहरे की पारी समाप्त हो गई थी। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे थे कि अब नए सिरे से जदयू की तरफ से कुछ नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं लेकिन अब जदयू ने यह तय किया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में उसका प्रतिनिधित्व नहीं होगा।
नीतीश की सहमति के बिना ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे आरसीपी : ललन
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने स्पष्ट किया कि पार्टी के नेता रहे आरसीपी सिंह बगैर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के ही केंद्र के नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो गए थे। अध्यक्ष सिंह ने को यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में खुलासा करते हुए कहा कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के बगैर ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो गए थे। कुमार इस बात का यदि खंडन करते तो अच्छा नहीं लगता। लिहाजा वह चुप रह गए लेकिन अब पार्टी ने तय किया है कि वर्ष 2019 के स्टैंड पर कायम रहते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुआ जाए।
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