पेपर लीक के रिकॉर्ड बना रही भाजपा सरकार : कु. सैलजा

Kumari-Selja, Haryana Water Issue

युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ का लगाया आरोप

(Kumari Selja accuses BJP)

चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़/सच कहूँ)। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा ने प्रदेश में लगातार पेपर लीक होने को लेकर हरियाणा सरकार पर छात्रों और युवाओं का भविष्य बर्बाद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में दर्जनों पेपर लीक हो चुके हैं और यह सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। (Kumari Selja accuses BJP) इस सरकार ने पेपर लीक का रिकॉर्ड स्थापित कर दिया है और आज प्रदेश पेपर लीक माफियाओं का गढ़ बन चुका है। कुमारी सैलजा ने यह बातें यहां जारी बयान में कहीं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में लगातार पेपर लीक होने के मामले सामने आ रहे हैं, जो बेहद ही चिंता का विषय है। उन्होंंने कहा कि सरकारी नौकरियों से लेकर हरियाणा बोर्ड की 10वीं, 12वीं और कॉलेज की परीक्षाओं के लगातार हो रहे पेपर लीक बताते हैं कि यह सरकार इसकी रोकथाम के लिए जानबूझकर कोई ठोस कदम नहीं उठाना चाहती। उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा सरकार आई है, तभी से पेपर लीक होने का सिलसिला जारी हो गया।

  • पिछले 5 वर्षों से जो लगातार पेपर लीक होने का सिलसिला जारी था
  • उसने गठबंधन की सरकार में और भी तेजी पकड़ ली है।
  • कई मामलों में सरकार इनकी तह तक जाने के बजाय इन्हें दबाने में जुटी रही।

नौकरियों में पारदर्शिता सिर्फ दिखावा

  • सैलजा ने आरोप लगाया कि यह सरकार नौकरियों में पारदर्शिता और ईमानदारी का सिर्फ झूठा ढोंग पीटती है।
  • इस सरकार में एचटेट, क्लर्क, एचसीएस ज्यूडिशियल।
  • कंडक्टर, पटवारी, नायब तहसीलदार।
  • आईटीआई इन्सट्रकटर से लेकर कई बडेÞ पेपर लीक हुए।
  • 10वीं और 12वीं कक्षा और कॉलेज की परीक्षाओं के पेपर लीक होना भी इस फेहरिस्त में शामिल हो गया है।

5 सालों में सिर्फ 40 स्कूल खोले और सवा सौ बंद कर दिए

सैलजा ने आगे कहा कि यह सरकार हमारे छात्रों और युवाओं का भविष्य बर्बाद करने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ना चाहती। इस सरकार में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में करोड़ों का घोटाला किया जाता है। वहीं, पिछले 5 वर्षों में सिफ्र 40 सरकारी स्कूल ही खोले गए, जबकि सवा सौ स्कूल सरकार ने बंद कर दिए।

  • आने वाले दिनों में 1026 स्कूल बंद करने की तैयारी की जा रही है।
  • सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 29 हजार 646 पद खाली पड़े हैं।
  • जो इस सरकार के निकम्मेपन के जीवंत उदाहरण है।

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