लेके कहां कुछ वापिस जाना ये शरीर भी दान है…

शांति देवी इन्सां का मृत शरीर रोहिलखण्ड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में दान

  •  शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई

डिंग/कोटली। (सच कहूँ/गौरव सोनी) लेके कहां कुछ वापिस जाना ये शरीर भी दान है… इन पंक्तियों को चरितार्थ कर दिया है डेरा सच्चा सौदा कोटली ब्लॉक अमरजीत पुरा की अथक सेवादार 90 वर्षीय माता शांति देवी इन्सां ने। शांति देवी इन्सां के मरणोपरांत उनके पार्थिव शरीर को रिसर्च के लिए परिजनों ने रोहिलखण्ड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, पवन विहार बरेली उत्तरप्रदेश में भेजा। बता दें कि शांति देवी इन्सां ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षा का अनुसरण करते हुए मरणोपरांत शरीरदान व नेत्रदान करने का प्रण किया हुआ था। जिसके चलते परिजनों ने उनका पार्थिव शरीरदान किया।

अंतिम यात्रा के दौरान शरीरदानी माता शांति देवी इन्सां अमर रहे के नारों से आसमान गूंज उठा। इससे पूर्व शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार भाई-बहनों ने ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ इलाही नारा व अरदास का शब्द बोलकर मृतदेह को फूलों से सजी एंबुलेंस में विदा किया। जिसके बाद परिजनों, रिश्तेदारों व समस्त साध-संगत ने नम आंखों से फूलों से सजी एंबुलेंस को रोहिलखण्ड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल,पवन विहार बरेली उत्तरप्रदेश के लिए रवाना किया। मौके पर ब्लॉक भंगीदास जयचन्द इन्सां 15मेंबर रविप्रकाश इन्सां, बनता इन्सां, जगदीश इन्सां, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के ब्लॉक जिम्मेवार कर्ण इन्सां, भंगीदास चुन्नी लाल इन्सां, सुजान बहन सन्तोष इन्सां, भंगीदास सुरजीत कौर व शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादार, ब्लाक की साध-संगत व रिश्तेदार सम्बन्धी सैकड़ों की संख्या में मौजूद थे।

बेटियों ने दिया अर्थी को कंधा

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाई गई मुहिम ‘बेटा-बेटी एक समान’ के तहत शांति देवी इन्सां के पार्थिव शरीर को बेटी कमला, पुत्रवधू ज्योति व पोत्री पूनम, गुरजोत ने कंधा देकर बेटा-बेटी एक सामान का संदेश दिया।

शांति देवी इन्सां ने बेपरवाह साई मस्ताना जी महाराज से लिया था गुरूमंत्र

शांति देवी इन्सां के पुत्र रामकिशन इन्सां व ब्लॉक भंगीदास जयचन्द इन्सां ने संयुक्त रूप से बताया कि शांति देवी इन्सां ने बेपरवाह साई मस्ताना जी महाराज से नाम की अनमोल दात प्राप्त की थी व बेटे रामकिशन, रामचन्द जमला, लीला राम, गुगन , पुत्रवधू रामरती, कैलाश, रामेश्वर, बिमला सहित भरा पूरा परिवार राम नाम के साथ जोड़ कर गई।

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