मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक, कई अहम फैसलों पर मुहर

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सीधी भर्ती और पदोन्नति से नियुक्त होंगे वन रेंजर, डिप्टी रेंजर, फॉरेस्टर एवं फॉरेस्ट गार्ड

चंडीगढ़ (सच कहूँ ब्यूरो)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य वन विभाग अनुभाग (ग्रुप-सी) सेवा नियम 1998 में कार्यकारी संशोधन करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। इन नियमों को अब हरियाणा राज्य वन कार्यकारी अनुभाग (ग्रुप-सी) सेवा (संशोधन) नियम, 2021 कहा जाएगा। नियमानुसार वन रेंजर, डिप्टी रेंजर, फॉरेस्टर एवं फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के माध्यम से की जाएगी। नियमानुसार, सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त डिप्टी रेंजर एवं फॉरेस्टर को वन विद्यालय में 11 माह की अवधि के लिए और पदोन्नति द्वारा नियुक्ति के मामले में तीन माह की अवधि के लिए फॉरेस्टर प्रशिक्षण लेना होगा। इसी प्रकार, सीधी भर्ती या पदोन्नति द्वारा नियुक्त वन रक्षकों को वन विद्यालय में साढ़े पांच माह की अवधि के लिए वन रक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा।

मोटर वाहन विभाग के पुनर्गठन को मंजूरी

मंत्रिमंडल की बैठक में प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जांच की प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए चालान एवं कंपाऊडिंग के अधिकार देकर और राज्य में मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मोटर वाहन विभाग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा।

नए नियम, हरियाणा मोटर वाहन (संशोधन) नियम 2021 के तहत अधिकारी नामत: परिवहन आयुक्त, महानिदेशक/निदेशक, राज्य परिवहन, जिला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त उपायुक्त, अतिरिक्त/संयुक्त राज्य परिवहन आयुक्त, अपर/संयुक्त निदेशक, राज्य परिवहन, सचिव, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण, उपमंडल अधिकारी (नागरिक)-सह-पंजीकरण प्राधिकारी (मोटर्स), सिटी मजिस्ट्रेट, महाप्रबंधक, हरियाणा रोडवेज, उड़नदस्ता अधिकारी, यातायात प्रबंधक, मोटर वाहन अधिकारी(प्रवर्तन), मोटर वाहन निरीक्षक(प्रवर्तन), सहायक सचिव, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण और पुलिस अधिकारी, जो एएसआई के पद से नीचे न हों, को मोटर वाहन विभाग के अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। मोटर वाहन विभाग के ये अधिकारी विभिन्न यातायात उल्लंघनों के लिए धारा 213 के तहत चालान की शक्तियों का प्रयोग करेंगे। हरियाणा मोटर वाहन (संशोधन) नियम 2021 के अनुसार पुलिस विभाग के एएसआई रैंक से ऊपर के चालान करने वाले अधिकारियों को भी संबंधित नगर निगम के शहरों और कस्बों के बाहर उक्त अधिनियम की उल्लिखित धाराओं के तहत किए गए अपराधों के लिए चालान अधिकारी माना जाएगा।

हरियाणा उपभोक्ता संरक्षण नियम, 2021 को मंजूरी

मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा में राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग और जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के वेतन, भत्ते और अन्य सेवा शर्तों को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा उपभोक्ता संरक्षण नियम, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई। यह नियम सरकारी राजपत्र में इनके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे।

राज्य आयोग अध्यक्ष : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश के बराबर वेतन, भत्ता और अन्य सुविधाएं मिलेंगी।

राज्य आयोग सदस्यों : एचआरए, कन्वेंयस, टीए/डीए आदि सहित अन्य आवश्यक भत्तों के साथ 80,000 रुपये प्रति माह के निर्धारित मानदेय के हकदार होंगे।

जिला आयोग अध्यक्ष : जिला न्यायाधीश के लिए स्वीकार्य वेतन के बराबर वेतन के हकदार होंगे।

जिला आयोग सदस्य : सदस्य एचआरए, कन्वेंयस, टीए/डीए आदि सहित अन्य आवश्यक भत्तों के साथ 55,000 रुपये प्रति माह के एक निर्धारित मानदेय के हकदार होंगे। आकस्मिक रिक्ति के मामले में, राज्य सरकार के पास वरिष्ठतम सदस्यों को अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्त करने की शक्ति होगी।

पेंशन, भत्ते और वितीय मदद में वृद्धि को मंजूरी

मंत्रिमंडल की बैठक में पहली अप्रैल, 2021 से विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत देय पेंशन, भत्ते और वित्तीय सहायता की दर में वृद्धि करने की स्वीकृति प्रदान की गई। वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा एवं निराश्रित महिला पेंशन, निशक्तजन पेंशन, लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता, बौना भत्ता और किन्नर भत्ता को 2250 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह किया गया है। इसी प्रकार, निराश्रित बच्चों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 1350 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 1600 रुपये प्रति माह और विद्यालय नहीं जाने वाले निशक्त बच्चों की वित्तीय सहायता को 1650 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 1950 रुपये प्रति माह किया गया है।

कोरोना के चलते रियल एस्टेट उद्योगों को दी राहत

मंत्रिमंडल की बैठक में कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न व्यवधानों की वजह से रियल एस्टेट उद्योग के साथ-साथ भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) धारकों/उद्यमियों को दो महीने के लिए राहत प्रदान की गई। लाइसेंस के नवीनीकरण शुल्क के भुगतान की विलंबित अवधि पर ब्याज, लाइसेंस के लिए नई बैंक गारंटी जमा कराने, इस अवधि के दौरान बाहरी विकास कार्यों (ईडीसी), राज्य अवसंरचना विकास शुल्क (एसआईडीसी) की किस्तों के भुगतान पर ब्याज/ जुर्माना ब्याज, आशय पत्र/अनुमतियां/भवन योजना अनुमोदन/सीएलयू अनुमति और लाइसेंस का विस्तार और लाइसेंसों का नवीनीकरण और संबंधित अनुपालन के प्रयोजनों हेतु पहली अप्रैल, 2021 से 31 मई, 2021 की अवधि को ‘शून्य अवधि’ माना जाएगा।

महर्षि बाल्मीकि संस्कृत विवि का नाम बदला

मंत्रिमंडल की बैठक में महर्षि बाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल का नाम बदलकर महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना महर्षि बाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल के नाम से राज्य विधान के एक अधिनियम द्वारा की गई थी, लेकिन यह देखा गया कि हिंदू पौराणिक कथाओं में वाल्मीकि का नाम राज्य विश्वविद्यालय के मौजूदा नाम से अलग है। अत: विश्वश्वविद्यालय के नाम को महर्षि बाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल के स्थान पर महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल के रूप में पढ़ा जाना चाहिए।

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