एसआईटी जांच में चन्नी के दखल की जिद्द

Chief Minister Charanjit Singh Channi sachkahoon

गत दिवस ‘सच कहूँ’ ने अपने एक विशेष कॉलम में ‘मुख्यमंत्री साहब जांच को जांच ही रहने दो’ के शीर्षक अधीन लिखा था कि पंजाब सरकार बेअदबी मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम के काम में दखल न दे। वास्तव में मुख्यमंत्री रोजाना ही मीडिया में यह बयान दे रहे थे कि एसआईटी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के खिलाफ सुनारिया पहुंच गई है। मुख्यमंत्री और उनकी सरकार का एकमात्र उद्देश्य डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को बेअदबी मामले में बिना वजह फंसाकर विधान सभा चुनावों में लाभ लेना है। अब तक मुख्यमंत्री एसआईटी की जांच में खुलकर दखल दे रहे हैं, जो बिल्कुल स्पष्ट हो गया है 16 तारीख को एक हिंदी समाचार-पत्र में मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी का इंटरव्यू प्रकाशित होता है, जिसमें वे कह रहे हैं कि अब हम (पंजाब सरकार) डेरा प्रमुख की कस्टोडियल पूछताछ की मांग करेंगे।

मुख्यमंत्री की इंटरव्यू से पहले ही एसआईटी के चेयरमैन ने कहीं भी यह नहीं कहा था कि वे कस्टोडियल पूछताछ की मांग करेंगे। 16 दिसंबर को समाचार पत्र में इंटरव्यू प्रकाशित हुआ और 17 दिसंबर को एसआईटी हाईकोर्ट में कस्टोडियल हिरासत की मांग कर लेती है, यानि मुख्यमंत्री के बोल अगले ही दिन लागू हो गए, जबकि हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं कि एसआईटी सरकार के प्रभाव में जांच नहीं करेगी, बल्कि स्वतंत्र होकर काम करेगी। यहां स्पष्ट है कि एसआईटी मुख्यमंत्री की मौखिक बातों पर काम कर रही है। कानून व्यवस्था की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी खुद ही कानून और न्यायपालिका के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं।

सत्ता का यह अहंकार एसआईटी को तो अपनी इच्छा अनुसार चला सकता है लेकिन ऐसा कर वह लोगों के दिलों में जगह नहीं बना सकते। बहुत हैरानी है कि कांग्रेस को छोड़कर पंजाब की हर बड़ी पार्टी यह मांग करती है कि बेअदबी के असल दोषी पकड़े जाने पर उन्हें सजा दिलाई जाए लेकिन मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी और उनकी पुलिस यही चाह रही है कि बेअदबी के दोष केवल और केवल डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू जी और डेरा श्रद्धालुओं पर मढ़े जाएं। यदि पहले से ही दिमाग में ऐसी सोच बना रखी है तब जांच का ड्रामा करने की भला क्या आवश्यकता है? हैरानी तो इस बात की है कि चंद लोगों को छोड़कर समूह सिक्ख समाज बेअदबी मामले के समाधान होने की उम्मीद कर रहा है, हर कोई निष्पक्ष जांच की मांग करता है न कि डेरा सच्चा सौदा को फंसाने की, हर कोई यह जानता है कि डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु सिक्ख धर्म में विश्वास रखते हैं और अपने विवाह-शादियों सहित दुख-सुख के हर कार्य पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की उपस्थिति में संपूर्ण करते हैं।

यहां तक विदेशों में बैठे कई सिक्ख नेता भी मीडिया में अपनी राय देते हुए कहते हैं, हम नहीं मानते कि बेअदबी किसी सिक्ख ने की है और हम यह भी नहीं कहते कि यह डेरा सच्चा सौदा ने की है। जहां तक पंजाब का संबंध है पंजाब में किसी भी धर्म, जाति का व्यक्ति हो, भले ही वह किसी भी धर्म में आस्था रखता हो वह पवित्र श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के साथ जरूर जुड़ा हुआ है। इसकी पुष्टि प्रो. पूर्ण सिंह भी करते हैं: वो लिखते हैं ‘‘पंजाब ज्योंदा गुरुआं दे नाम ते’’ अर्थात पंजाब जीता ही गुरूओं का नाम लेकर है।

तिलकराज इन्सां

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