मुख्यमंत्री चन्नी साहब, जांच को जांच ही रहने दें

Chief Minister Channi sahib sachkahoon

सरसा । आईजी सुरेन्द्रपाल सिंह परमार के नेतृत्व में गठित पंजाब पुलिस की एसआईटी बरगाड़ी में 2015 में हुई बेअदबी की घटनाओं की जांच कर रही है। इस टीम ने रोहतक के सुनारिया में जाकर पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से भी इस संबंधी सवाल-जवाब किए। फिलहाल जांच जारी है और एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार नहीं की लेकिन पंजाब में विधानसभा चुनावों के कारण बड़े-बड़े नेता बेहद हैरानीजनक बयानबाजी कर रहे हैं। विशेष तौर पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, जोकि अलग-अलग मीडिया चैनलों पर यह बात कर रहे हैं कि हमारी जांच टीम सुनारिया तक पहुंच गई है और हम जांच कर रहे हैं।

यूं मुख्यमंत्री को ऐसा कोई विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है कि वे एसआईटी जांच के संबंध में कुछ बोलें, क्योंकि एसआईटी अपने आप में स्वतंत्र है। इसमें सरकार का कोई दखल नहीं व एसआईटी माननीय हाईकोर्ट को जवाबदेह है। दरअसल, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के उल्टे-पुल्टे ब्यान पार्टी के लिए चुनावों में कुछ प्राप्त करने के लिए हैं। सीएम चन्नी एक वर्ग विशेष के वोटरों को लुभाने के लिए पूज्य गुरू जी के संबंध में बोल रहे हैं। यह सरासर एसआईटी जांच में दखल के साथ-साथ राजनीतिक लाभ लेने की पैंतरेबाजी है। मामले में फैसला अदालत ने करना है। एसआईटी के पास केवल जांच का अधिकार है, फैसला देने का नहीं। लेकिन मुख्यमंत्री चन्नी कोर्ट के फैसले से पहले फैसला सुनाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे वक्तव्यों का एक ही उद्देश्य है कि जांच की आड़ में डेरा सच्चा सौदा को बदनाम करना है।

अच्छा हो यदि मुख्यमंत्री इतना ही कहते कि एसआईटी अपनी जांच कर रही है। एसआईटी ने अपना काम करना है। एसआईटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जाना चाहिए और मामला अदालत में चल रहा है। यहां यह बताया जाना भी जरूरी है कि पूज्य गुरू जी का बेअदबी से कोई संबंध नहीं और न ही डेरा श्रद्धालुओं पर कोई आरोप बनता है। सीबीआई चार साल तक मामले की जांच कर हर तरह के वैज्ञानिक टेस्ट कर रिपोर्ट सौंप चुकी है कि डेरा श्रद्धालुओं का इसमें कोई हाथ नहीं। माननीय अदालत ने भी सीबीआई जांच को स्वीकार किया है और आगे की जांच के लिए पंजाब पुलिस को निर्देश दिए लेकिन पंजाब पुलिस की एसआईटी सीबीआई जांच के विपरीत अपने राजनैतिक आकाओं के इशारों पर चल रही है और मनघढ़त कहानियां बनाकर न केवल डेरा श्रद्धालुओं पर मुकदमें किए जा रहे हैं बल्कि पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को भी इस मामले में नामजद करने की शर्मनाक कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

होना तो यह चाहिए था कि बरगाड़ी सहित पूरे पंजाब में हुई 300 से अधिक बेअदबी की घटनाओं का पर्दाफाश किया जाता, उल्टा राजनीतिक इशारे पर पुलिस ने डेरा सच्चा सौदा को बदनाम करने की घटिया हरकतें की, जोकि महेन्द्रपाल बिट्टू की मौत से पहले जेल में उन्होंने अपनी डायरी में दर्ज की हैं। फिर मुख्यमंत्री साहिब, यदि एसआईटी जांच कर रही है तब श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के प्रति सच्ची श्रद्धा, सम्मान और अदब यही होगा कि जांच को राजनीतिक रंग देने से बचें। गुरू सिर के ताज हैं गुरू की बेअदबी को वोटों की तराजू में तोलना धर्म और समाज का घोर अपमान है। परमात्मा सब देख रहा है। झूठ झूठ ही रहेगा और सच सच ही रहेगा। झूठ का खेल खेलने वालों को एक दिन शर्मिंदा होना पड़ेगा।

तिलकराज इन्सां

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