हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। हिसार के सूर्य नगर में एक नाबालिग छात्रा ने (Suicide) अपने ही घर में फांसी का फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। लड़की एक निजी स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ रही थी। परिजनों की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने सबको फांसी के फंदे से उतारा। छात्रा का पिता एक फैक्ट्री में मजदूरी का काम करता है। उसने बताया कि उसके तीन बच्चे हैं। बड़ी लड़की की शादी की हुई है। उसकी छोटी बेटी निजी स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ती थी व सबसे छोटा बेटा है। इस चिंताजनक घटना के वक्त घर में सिर्फ छात्रा की दादी थी।
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इस घटना के वक्त लड़की का पिता किसी काम के लिए बाजार गया हुआ था जबकि उसकी माता पड़ोस में दूध लेने के लिए गई हुई थी। (Suicide) घर आने के बाद जब उन्होंने देखा कि उनकी बेटी कहीं दिखाई नहीं दे रही है तो उन्होंने आसपास देखा। तब घर में रहने वाले किराएदार ने उन्हें बताया कि बेटी ऊपरवाले कमरे में गई हुई है। जाकर देखा तो बेटी का शव फंदे पर लटका मिला। लड़की के पिता ने बताया कि वह कई दिनों से मानसिक रूप से परेशान रहती थी। लेकिन परेशान किस वजह से रहती थी इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। पुलिस ने परिजनों के बयानों को आधार बनाकर इस मामले में इत्तफाकिया मौत की कार्रवाई की है।
किशोरावस्था के दौरान बच्चों का ध्यान रखना जरूरी- डॉ. सिहाग | (Suicide)
मनोरोग विशेषज्ञ शिक्षा डॉ. संदीप सिहाग का कहना है कि वर्तमान समय में किशोरावस्था के दौरान अपने बच्चों का ध्यान रखना जरूरी है। आयु वर्ग में बच्चा खुद का सबसे ज्यादा ख्याल रखता है। फिर भी यदि यदि बच्चा घर में या स्कूल में गुमसुम अवस्था में रहता है तो ऐसी स्थिति में माता पिता अपने बच्चों से बात जरूर करें। उसके बावजूद भी बच्चा परेशान दिखाई देता है तो उसकी किसी भी नजदीकी सरकारी या निजी मनोरोग विशेषज्ञ काउंसलिंग करवानी चाहिए। सरकार व शिक्षा विभाग को भी वर्तमान स्थितियों को देखते हुए सभी स्कूलों में साइकोलॉजिकल काउंसलर की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि कोई भी बच्चा किसी भी वजह से अपना भविष्य बर्बाद ना करें।