सीएम विंडो पर सीएम विंडो की ही शिकायत

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हाल-ए-सीएम विंडो: प्रदेशभर में 2 लाख शिकायतों
में से 63 हजार सरसा से

सच कहूँ/अनिल कक्कड़/चंडीगढ़। हरियाणा सरकार की तरफ से लोगों को शीघ्र न्याय देने के मकसद से आरम्भ की गई सीएम विंडो पर अब सीएम विंडो की ही शिकायत की गई है। शिकायत की गई है कि शिकायतकर्ता की सुनवाई के बजाय जल्द निपटान के नाम पर एमीनेट पर्सन (गणमान्य व्यक्ति) को मोहरा बना कर फाइलों का बस निपटान किया जा रहा है। सरसा के सूचना अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता करतार सिंह के अनुसार उनकी सुनने की बजाय एमीनेट पर्सन ने दो बार मामलों का निपटान कर दिया गया।

सिंह ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए चिंता जाहिर की है कि एमीनेट पर्सन के गैर जिम्मेदाराना जुड़ाव से सीएम विंडो पर आने वाली शिकायत का निपटान शिकायतकर्ता की सुनवाई के बिना ही किया जा रहा है। बता दें कि सीएम विंडो पर प्रदेश में अब तक लगभग 2 लाख शिकायतें आई हैं जिनमें से सर्वाधिक लगभग 63 हजार सरसा जिला की है।

शिकायत में मुख्य सचिव से की गई है यह मांग

आरोप है कि एमीनेट पर्सन को न्याय की परिभाषा का पता नहीं है। वे न तो जनता के चुने हुए नुमाइंदे हैं और न ही सरकार द्वारा लगाए गये अधिकारी है बल्कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता हैं। इन्हें कानूनन कोई अधिकार नहीं है कि वह किसी की शिकायत का निपटान कर सकें वह भी शिकायतकर्ता को सुने बिना। इस संदर्भ में मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यह मांग की गई है कि सीएम विंडो पर आने वाली हर शिकायत का निपटान भारत के विधि विधान के अनुसार किया जाना चाहिए।

सिंह के अनुसार सीएम विंडो पर डाली जाने वाली शिकायत की संख्या पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। यह किसी भी नागरिक का संवैधानिक हक है कि वह एक साल में एक शिकायत दर्ज करवाता है या एक हजार शिकायत दर्ज करवाता है उसकी मर्जी। शिकायत झूठी पाये पर सजा देने का भी प्रावधान है लेकिन शिकायत देने से नहीं रोका जा सकता है। आरटीआई कार्यकर्ता ने पत्र में यह भी मांग की है कि किसी भी व्यक्ति से शिकायतों की संख्या बारे में न पूछा जाए क्योंकि शिकायत तभी कोई करता है जब उसे कोई परेशानी होती है।

सीएम विंडो को लेकर सीएम संग पत्रकार की हुई थी नोक-झोंक

गत दिनों सीएम मनोहर लाल सरसा में कनेक्ट टू पीपल कार्यक्रम के तहत पहुंचे थे। जहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान एक पत्रकार द्वारा सीएम विंडो पर पूछे गए सवाल पर सीएम और पत्रकार की बहस हो गई। जहां सीएम ने मीडियाकर्मियों को तहज़ीब में रहने की नसीहत तक दे डाली थी।

 

 

 

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