हरियाणा में शीत लहर व पाला जमने की स्थिति बनी

न्यूनतम तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा

नारनौल (सच कहूँ न्यूज)। कड़ाके की ठंड अपने विकराल रूप धारण किए हुए कुछ स्थानों पर रात्रि तापमान लुढ़क कर शून्य डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच गया है। जिसकी वजह से पाला जमने की स्थिति बनी हुई है। राजकीय महाविद्यालय के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि इसी को हिमालय की उत्तरी बफीर्ली हवाओं ने मैदानी राज्यों पंजाब राजस्थान हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अपने तीखे तेवरों से आगाज किया हुआ है।

नतीजतन सम्पूर्ण इलाके में लगातार तापमान गोते लगा रहा है। सोमवार हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस से 7.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जिसकी वजह से हरियाणा के अधिकतर स्थानों पर शीत लहर और पाला जमने की स्थिति बनी हुई है। साथ ही साथ अनेक स्थानों पर अधिकतम तापमान में गिरावट की वजह से कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है।

यह रहा तापमान

सोमवार को हरियाणा, एनसीआर-दिल्ली में बालसमंद हिसार का न्यूनतम तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस की वजह से प्रथम स्थान और 1.5 डिग्री सेल्सियस सिवानी दूसरे स्थान, वहीं रेवाड़ी 1.5 डिग्री सेल्सियस की वजह से तीसरे स्थान, महेंद्रगढ़ का 1.7 डिग्री सेल्सियस की वजह से चौथे स्थान, नारनौल 2.4 डिग्री सेल्सियस पांचवें स्थान और हिसार 2.5 डिग्री सेल्सियस की वजह से छठे स्थान पर काबिज है। इन सभी स्थानों की अपनी भौगोलिक अवस्थितियों की वजह से इन सभी स्थानों पर मौसम की चरम अवस्था देखने को मिल रही है।

हाड़ कंपा देने वाली ठंड से होगा 2023 का स्वागत

सोमवार को हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर सुबह से ही कोहरा छाया रहा, जिसकी वजह से जिंदगी रेंगती नजर आईं , जबकि जिला महेंद्रगढ़ में केवल नारनौल शहर और नांगल चौधरी में कोहरे की गतिविधियों को केवल सुबह 8.0 बजे तक ही दर्ज किया गया। जिसकी वजह से जिला महेंद्रगढ़ में आमजन को आफत भरी ठंड से राहत मिली। आने वाले दिनों में 28 दिसंबर को एक नया ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम करवट लेने वाला है।

जिसकी वजह से उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में भारी मात्रा हिमपात होने और 29-30 दिसंबर के दौरान मैदानी राज्यों में विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में बादल अपना डेरा जमा लेंगे और सीमित स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। जैसे ही मौसम प्रणाली 31 दिसंबर को आगे निकल जाएगी यानी नए साल का स्वागत हाड़ कंपा देने वाली ठंड और ठिठुरन भरी शीत लहर अपने तीखे तेवरों से आगाज करेंगी।

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