कोरोना वायरस : लोकसभा में हुई फँसे भारतीय छात्रों को स्वदेश लाने की माँग

Central Government, Indian Students Trapped

सरकार ने कहा- उन्हें निकालने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच मलेशिया और सिंगापुर में फँसे भारतीय छात्रों को स्वदेश लाने के लिए सरकार से उपयुक्त कदम उठाने की माँग की।
सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय छात्र विदेशों में फँसे हुए हैं। उन्हें जल्द से जल्द स्वदेश लाने के लिए सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।

राजन विचारे ने भी सिंगापुर में फँसे छात्रों का मुद्दा उठाया

इडुक्की से कांग्रेस के सांसद डीन कुरियाकोस ने भी उनकी माँग का समर्थन किया। तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि सिंगापुर हवाई अड्डे पर 58 छात्र फँसे हुए हैं जिनमें से 25 छात्राएं भी हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना का प्रकोप विश्व भर में फैल गया है लिहाजा छात्रों के अभिभावक उन्हें तुरंत घर बुलाना चाहते हैं। भारत सरकार ने 17 मार्च को अफगानिस्तान, फिलीपींस और मलेशिया से यात्रियों के आने पर रोक लगा दी जिससे इन देशों में सैकड़ों छात्र फँस गए हैं। शिवसेना के राजन विचारे ने भी सिंगापुर में फँसे छात्रों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि फिलीपींस में पढ़ रहे कई छात्र मलेशिया में भी फँसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए सरकार हरसंभव उपाय करे।

समाजवादी पार्टी के एस.टी. हसन ने कहा कि कुआलालम्पुर में फँसे 60 भारतीय छात्रों को तुरंत यहाँ लाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि उन छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें भोजन तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा। सदस्यों ने छात्रों को स्वदेश लाने के लिए विशेष विमान भेजने की भी माँग की। उन्होंने कहा कि दिल्ली के कई निजी अस्पताल ‘कोविड-19’ के मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं जिसके लिए दिल्ली सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने संकट की इस घड़ी में पूरे मनोयोग के साथ सेवाएं देने के लिए चिकित्सकों, चिकित्साकर्मियों और एंबुलेंस चालकों की प्रशंसा की तथा संयम बरतने के लिए मीडिया की भी सराहना की।

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