कोराना और ब्लैक फंगस के बाद नई मुसीबत, पाँच मरीजों में मिला साइटोमेगालो वायरस

Cytomegalovirus

एक की मौत, दो की हालत नाजुक

नई दिल्ली। कोरोना और ब्लैक फंगस के बाद अब एक नई मुसीबत सामने आ गई है। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आए मरीजों में साइटोमेगालो वायरस (सीएमवी) मिलने का खुलासा कर सबको चौका दिया है। नए वायरस से संक्रमित देश के पहले पांच मरीज यहां भर्ती भी हो चुके हैं। कोरोना का उपचार करवाने के बाद इन मरीजों में पेट दर्द और मल में खून आने की परेशानी आई। इसी के चलते इन मरीजों को भर्ती करवाया गया है। चिंताजनक पहलू ये भी है कि इन मरीजों में एक की मौत भी हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि जिन मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, उनमें फंगस के काफी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही कम प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों में सीएमवी संक्रमण का मिलना और ज्यादा चिंता को बढ़ा रहा है। अभी तक इस संक्रमण के सही कारणों का पता भी नहीं लग पाया है।

अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. अनिल अरोड़ा कहते हैं कि दूसरी लहर के दौरान संक्रमित हुए मरीजों में सीएमवी के मामले अचानक सामने आने लगे हैं। ये पिछले 45 दिन में सामने आए हैं। उपचार के 20 से 30 दिन बाद मरीज पेट में दर्द और मल में खून बहने से परेशान थे। ऐसे पांच मरीजों में फिलहाल कोरोना का संकेत नहीं है। उन्होंने बताया कि इन मरीजों की जब गहन जांच की गई तो पाया गया कि देश में ऐसे मामले पहले नहीं मिले थे। सभी मरीज दिल्ली और आसपास के राज्यों से हैं।

इम्युनिटी कमजोर तो सावधान रहें

उन्होंने कहा कि इस बीमारी का कारण भी स्टेरॉयड युक्त दवाओं का अधिक इस्तेमाल बड़ा कारण हो सकता है, क्योंकि ये दवाइयां प्रतिरोधक क्षमता को दबा देती हैं और असामान्य संक्रमणों के लिए अतिसंवेदनशील बनाती हैं। साइटोमेगालो वायरस 80 से 90 फीसदी भारतीय आबादी में बिना कोई नुकसान पहुंचाए मौजूद रहते है, क्योंकि हमारी प्रतिरक्षा इतनी मजबूत है कि इसे चिकित्सकीय रूप से महत्वहीन बना सकती है।

एंटीवायरल थैरेपी बनी उम्मीद

गंगाराम अस्पताल में भर्ती पांचों मरीजों की आयु 30 से 70 साल के बीच बताई जा रही है। जिनमें से चार मरीजों को मल में खून आने की परेशानी है और एक मरीज को आंतों में रुकावट की समस्या है। डॉक्टरों ने बताया है कि दो मरीजों की हालत काफी नाजुक है, क्योंकि अत्यधिक खून बह रहा है। एक मरीज को दाहिने तरफ कोलन की इमरजेंसी सर्जरी की तुरंत आवश्यकता थी। जबकि दूसरे मरीज की मौत हो गई। हालांकि तीन मरीज एंटीवायरल थेरेपी के जरिए मिले उपचार से स्वस्थ हो गए।

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