इंसानियत के भले के लिए दिन-रात एक कर रहे सेवादार

Saint Dr. MSG

बठिंडा(सच कहूँ/सुखनाम रतन)। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए मानवता भलाई के कार्र्यों में में देश-विदेश अलग पहचान बना चुका डेरा सच्चा सौदा किसी जान-पहचान का मोहताज नहीं है। जरूरतमन्दों को मकान बनाकर देना, मरीजों के लिए रक्तदान करना, जरूरतमन्द परिवारों की बेटियों की शादी में मदद करना, जरूरतमंदों का ईलाज करवाना, राशन देना सहित 139 मानवता भलाई के कार्य पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर फोर्स विंग के नेतृत्व में लगातार जारी हैं। समय भले कैसा भी रहा हो, मानवता के पुजारी डेरा श्रद्धालु बिना रूके लगातार आगे बढ़कर इन्सानियत के भले के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं।

‘खुशी’ हो या ‘गमी’ फिर भी करते हैं मानवता भलाई के कार्य

आम तौर पर लोगों द्वारा किसी खुशी आदि मौके बड़े स्तर पर कार्यक्रम करवाकर लाखों रूपये खर्च किए जाते हैं , वहीं डेरा श्रद्धालु इसके बिल्कुल उलट अपनी खुशी को जरूरतमन्दों के साथ सांझी कर दुगुनी करते हैं। उदाहरण के तौर पर शादी, बच्चे का जन्मदिन या कोई अन्य खुशी का दिन हो तो श्रद्धालु जरूरतमन्दों को राशन बांटकर, पौधे लगाकर, और अन्य मानवता भलाई के कार्य कर मनातते हैं। यही नहीं किसी परिवारक सदस्य की मौत के बाद श्रद्धाजंलि समारोह में भी सेवादार मानवता भलाई के कार्य करना नहीं भूलते। धन्य हैं पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जो अपने सेवादारों को ऐसी मानवता भलाई की शिक्षा दे रहे हैं।

जरूरतमन्द बच्चों को खाने-पीने का सामान वितरित करना

पूज्य गुरू जी द्वारा शुरू किए गए 138वें मानवता भलाई के कार्य के तहत जरूरतमन्द पविरारों के बच्चों को खाने का सामान देने के तहत ब्लॉक द्वारा 96 बच्चों को खाने का सामान और खिलौने दिए गए हैं। मानवता के और भी बहुत से कार्य ब्लॉक बठिंडा निरंतर कर रहा है, जिसके तहत ब्लाक द्वारा आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के बच्चों को कोटियां, बूट, जुराबें और स्टेशनरी आदि बांटे गए हैं। बहुत से सेवादारों द्वारा लगातार पशुओं को चारा और पक्षियों को चौगा डालने की सेवा निभाई जा रही है। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पवित्र अवतार दिवस और अजादी दिवस मौके ब्लॉक बठिंडा द्वारा लगाए गए पौधों की ब्लाक की साध-संगत द्वारा समय-समय पर संभाल की जा रही है और जरूरत पड़ने पर और भी नए पौधे लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा डॉक्टर की पढ़ाई कर कर रहे विद्यार्थियों के लिए ब्लॉक बठिंडा के एक परिवार द्वारा मरणोंपरांत अपने परिवारक सदस्य की देह भी मैडीकल कॉलेज को रिसर्च कार्यों के लिए दान की गई है।

कोरोना के मद्देनजर राहगीरों को मास्क बांटे गए। वैक्सीन कैंप लगाकर लोगों को वैक्सीन लगाई गई और वैक्सीन लगवाने संबंधी जागरूक भी किया जा रहा है। साध-संगत द्वारा ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए गुम हुए मिले मोबाईल और गहने भी असली मालिकों को वापिस किए गए हैं। जरूरतमन्द परिवारोंं की लड़कियों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए आत्मनिर्भरता मुहिम के तहत सिलाई सैंटर खोले गए हैं। राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए ठंडे पानी की टंकी लगाई गई है। सेवादारों ने नहर में गिरे एक बेसहारा पशु को बाहर निकालकर और नहर में डूब रहे व्यक्ति को बाहर निकालकर उसकी जान बचाई। इसके अलावा ब्लॉक में रोजाना एक बस सेवादारों की अलग-अलग आश्रमों में और लोकल नामचर्चा घरों में सेवा पर जा रही है। इस तरह ब्लॉक बठिंडा की साध-संगत 139 मानवता भलाई के कार्यों में लगातार अपना योगदान दे रही है।

जरूरतमन्द परिवारों की भूख मिटा रहा है फूड बैंक

आज के इस दौर में जहां नौकरी पेशा परिवारों को भी महंगाई ने सता रखा है, वहीं आमजन के लिए तो दो वक्त की रोटी जुटानी भी मुश्किल हो गई है, उम्र के आखिरी पड़ाव में पहुंच चुके कई बुजुर्ग तो ऐसे हैं, जिनके लिए काम-धंधा कर रोटी कमाना मुश्किल है। इसलिए ऐसे परिवारों की भूख मिटा रहा है साध-संगत का फूड बैंक। साध-संगत द्वारा ब्लॉक अनुसार बनाए गए इस ‘फूड बैंक’ से हर महीने जरूरतमन्द परिवारों की पहचान कर राशन बांटा जा रहा है। इस फूड बैंक से जनवरी में 62, फरवरी में 39, मार्च में 51, अप्रैल में 35, मई में 45 और जून महीने में 18 सहित कुल 250 परिवारों को राशन दिया जा चुका है।

तन ढ़कने के लिए ‘क्लॉथ बैंक’

Warm clothes distributed sachkahoon

 

बहुत से परिवार ऐसे होते हैं जो ठंड के मौसम से बचाव के लिए अपने और अपने बच्चों के लिए गर्म कपड़े नहीं खरीद सकते। ऐसे परिवारों को ब्लॉक के क्लॉथ बैंक में से कपड़े देकर उनकी मदद की जा रही है, जिसके तहत 110 के करीब महिलाओं को सूट और बच्चों को गर्म कपड़े बांटे गए हैं। वहीं पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा आने वाली पीढ़Þी और उनकी माताओं को कुपोषण से बचाने के लिए चलाई गई मुहिम के तहत 14 जरूरतमन्द परिवारों की गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक खुराक दी जा चुकी है। जानकारी हित्त बताया जा रहा है कि साध-संगत द्वारा जरूरतमन्द गर्भवती महिलाओं को गर्भ दौरान पौष्टिक खुराक के साथ-साथ प्रसुता उपरांत भी नवजात बच्चे और उसकी मां की तन्दरुस्ती के लिए पौष्टिक खुराक के साथ-साथ बच्चों को नए कपड़े और खिलौने आदि दिये जाते हैं।

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