अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे काल के नुमाइंदे

Unwavering faith: Dera devotees SACHKAHOON

साध-संगत बोली-पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पर हमारा विश्वास अटूट

  • मानवता भलाई के पथ पर पूरे जोश और ज़ज्बे के साथ आगे बढ़ेंगे

गुरुग्राम (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन सान्निध्य में डेरा सच्चा सौदा ने मानवता भलाई के ऐसे-ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जो किसी अजूबे से कम नहीं हैं। चाहे बात रक्तदान की करें या फिर भूखों को खाना खिलाना, निराश्रयों के मकान बनाकर देना, जरूरतमंद परिवारों की बेटियों की शादियों में आर्थिक सहयोग देना या फिर बेटी से वंश चलाने की मुहिम ‘कुल का क्राउन’, वेश्यावृत्ति की दलदल में फंसी युवतियों को इससे बाहर निकालकर अपनी बेटी बना समाज की मुख्यधारा में लाना, मरणोपरांत नेत्रदान और शरीरदान सहित 138 ऐसे कार्य रूहानियत के इसी कॉलेज से शुरू हुए हैं और निरंतर जारी हैं। लेकिन कुछ काल के नुमाइंदे मानवता भलाई के कारवां को बढ़ता देख चिढ़ रहे हैं और अनाप-शनाप बातें करके साध-संगत की एकजुटता और सतगुरु जी के प्रति उनके विश्वास को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन ये अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो रहे हैं। ऐसे लोगों से सजग डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं ने सच कहूँ प्रतिनिधि से अपने विचार साझा किए।

डेरा सच्चा सौदा और गुरू जी ने सदा सभी धर्मों का सम्मान किया है। सभी धर्मों के लोगों को यहां नेक कार्यों में समान रूप से शामिल किया गया। डेरा सिर्फ धार्मिक, आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी सदा आगे रहता है। पूज्य गुरू जी से नाम की दीक्षा लेकर करोड़ों श्रद्धालु मानवता और पशु, पक्षी तक की भी भलाई में दिन-रात काम कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोग साध-संगत की एकजुटता तोड़ने और पूज्य गुरु जी के केसों को नुक्सान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, जो कभी सफल नहीं होंगे। क्योंकि पूरी साध-संगत को अपने सतगुरु जी पर पूरा दृढ़ विश्वास है।
-संदीप इन्सां, गुरुग्राम

हम वर्षों से डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़े हैं। दिन-रात रहकर वहां काम किया है। खुली किताब की तरह डेरा सच्चा सौदा की कार्यप्रणाली है। चाहे आम हो या खास, सभी एक साथ बैठकर लंगर भी खाते हैं, सेवा भी करते हैं। हर तरह का भेदभाव वहां जाकर खत्म हो जाता है। डेरा में किसी को छोटा-बड़ा नहीं समझा जाता। चाहे देशी हों या विदेशी, डेरा से जुड़े सभी सेवादार दुनियाभर में मानवता की सेवा कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों को ये सब सहन नहीं हो रहा है और वे साध-संगत में फूट डालने का प्रयास कर रहे हैं। इन लोगों से इतना ही कहूंगा कि हमारे सतगुरु जी खुद भगवान हैं और उनके बच्चों की एकजुटता को कोई तिनका भर भी कम नहीं कर सकता।
-मुकेश इन्सां, गुरुग्राम

29 अप्रैल 1948 से डेरा सच्चा सौदा में राम नाम की गूंज हो रही है। चाहे कोई उम्र में छोटा हो या बड़ा, हर किसी को गुरूजी ने नेकी, भलाई की सीख देकर समाज हित में काम करने को प्रेरित किया है। डेरा सच्चा सौदा ही दहलीज पर आकर लोग बुरे कर्म, नशे आदि का त्याग कर देते हैं। उनके परिवारों से पूछकर देखिये, जिनके परिवार में नशों से छुटकारा मिला है। बुरे कर्मों से छुटकारा मिला है। ऐसा इंसान अपने माँ-बाप के कहने पर भी नहीं कर सकता, लेकिन यहां गुरूजी के आशीर्वाद से सब संभव हो पाया है। कुछ बुराई से जुड़े लोग रूहानियत के इस सच्चे दर से उनके मुरीदों को बेमुख करने की घटिया साजिशें कर रहे हैं, लेकिन उनकी दाल नहीं गलेगी। ऐसे लोग हमेशा ऐसे ही मुंह की खाएंगे।
-अशोक इन्सां, गुरुग्राम

23 सितंबर 1990 को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां गुरू गद्दी पर विराजमान हुए थे। तब से लेकर उन्होंने करोड़ों लोगों का नशा और बुराइयां छुड़वाई और उनके घरों को खुशियों से महकाया और अब भी हर घर-परिवार की आध्यात्मिक रूप से संभाल कर रहे हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं को सच के मार्ग पर चलाकर सदा मानवता भलाई के लिए प्रेरित किया। आज उन्हीं के वचनों पर चलते हुए संगत दीन-दुखियों, समाजहित में सेवा कर रही है। लेकिन घटिया प्रवृति के कुछ लोग इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और नित नई साजिशें रच रहे हैं। ऐसे लोग साध-संगत की एकजुटता के सामने टिक नहीं पाएंगे।
-बुधराम इन्सां, गुरुग्राम

डेरा सच्चा सौदा का सूरज कभी फीका नहीं पड़ेगा। चाहे बुराई की ताकतें कितनी भी बाधाएं पैदा करें, हर बाधा को डेरा सच्चा सौदा पार करेगा। डेरा सच्चा सौदा को लेकर विरोधियों ने खूब भ्रम फैलाया है। तीनों पातशाहियों ने हमेशा साध-संगत को सच के मार्ग पर चलाया है। आज जब डेरा की शाखाएं दुनियाभर में फैली, लोगों ने नशे छोड़े तो विरोधी परेशान हो गए। उन्हें जान लेना चाहिए कि कोई डेरा सच्चा सौदा के सच का सूरज कई गुना रोशनी के साथ प्रकाशमान होकर दुनिया में खुशियों का प्रसार करेगा।
-नरेंद्र इन्सां, गुरुग्राम

डेरा सच्चा की साध-संगत हर वक्त इंसानियत की सेवा, पशु-पक्षियों की सेवा में तल्लीन रहती है। डेरा सच्चाई और इन्सानियत का सही मार्ग दिखाता है। इसी पर चलते हुए साध-संगत आगे बढ़ रही है। पूज्य गुरूजी ने हमेशा मेहनत, हक हलाल की कमाई की और साध-संगत को भी ऐसा करते हुए सभी का भला करने की सीख दी। डेरा की ओर से दीन-दुखियों की सेवा का जो बीड़ा उठाया गया है, वह सदा कायम रहेगा। डेरे से जुड़े करोड़ों लोगों को उनकी आस्था से कोई डिगा नहीं सकता।
-अशोक इन्सां, गुरुग्राम

पूज्य गुरूजी ने चिकित्सा क्षेत्र में काफी बड़े काम किए हैं। उन्होंने यहां बड़ा अस्पताल बनवाया और उसमें सभी सुविधाएं दी। गरीब और आम आदमी को सस्ता व आसानी से उपचार मिल सके, इसके लिए अस्पतालों का निर्माण कराया। आयुर्वेदिक अस्पताल भी शुरू किया गया। हर तरीके से मरीजों का यहां उपचार किया जाता है। हर समय गुरूजी ने साध-संगत व अन्य दीन-दुखियों के हित में सोचा और उस पर काम करके राहत पहुंचाई। आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप से उन्होंने जनसेवा की अलख जगाई। लेकिन कुछ लोग इससे परेशान हैं और वे पूज्य गुरु जी के केसों को नुक्सान पहुंचाने की नीयत से रोजाना मनघडंत बातें करके साध-संगत को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसमें वे कभी सफल नहीं होंगे।
-सौरभ इन्सां, गुरुग्राम

पूज्य गुरूजी ने डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस. वेलफेयर फोर्स विंग का गठन किया। इसमें लाखों भाई-बहन सेवादार सदस्य हैं। वे किसी भी समय, किसी भी बड़ा आपदा में मदद के लिए तैयार रहते हैं। एक जांबाज सिपाही, फौजी की तरह से काम करते हैं। चाहे आगजनी हो या बाढ़ या कोई अन्य प्राकृतिक आपदा। डेरा के सेवादारों ने मौके पर पहुंचकर लोगों की जान बचाई है। देशहित में इस तरह के काम करने वाले पूज्य गुरु जी के केसों को खराब करने की मंशा से कुछ तंग दिल सोच भ्रम फैला रहे हैं। ऐसे लोगों से साध-संगत पूरी तरह सजग है।
-श्याम सुंदर इन्सां, गुरुग्राम

डेरा सच्चा सौदा ने समाज सेवा के क्षेत्र में अनुकरणीय काम करते हुए 138 मानवता भलाई के कार्यों की शुरूआत की है। समाज में बड़ा बदलाव का वाहक डेरा सच्चा सौदा बना है। यहां बेटियों को विशेष सम्मान दिया जाता है। यहां कूड़े से उठाई गई बेटियों को उच्च दर्जा दिया गया है। पूज्य गुरू जी के प्रयासों से उन परिवारों में खुशियां लाई गई हैं, जिनके यहां सिर्फ बेटियां होती हैं। उन बेटियों को कुल का क्राउन का नाम दिया गया है, जिनसे अब माँ-बाप का वंश चलेगा। इस तरह के बदलाव लाने वाले पूज्य गुरूजी के शिष्यों की एकजुटता को तोड़ने का प्रयास किसी साजिश की ओर इशारा कर रहा है, जिसे साध-संगत कभी कामयाब नहीं होने देगी।
-विनोद इन्सां, गुरुग्राम

वेश्यावृत्ति में फंसी बेटियों को वहां से निकालकर शुभ देवी बनाना अच्छे परिवारों में शादी कराना, किन्नर समाज को सुखदुआ समाज नाम देकर उनके साथ समाज में होने वाले भेदभाव से उन्हें बचाना, उन्हें सामाजिक मुख्यधारा में लाना, तेजाब हमलों में पीड़ित बेटियों का मुफ्त उपचार और उनकी शादी की व्यवस्था करना, भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने को रिश्वत न लेने और ने देने की शपथ दिलाना व बीमारियों के प्रति जागरुकता लाकर समाज में बदलाव लाकर डेरा सच्चा सौदा ने ऐतिहासिक काम किए हैं। यह सब काम पूज्य गुरूजी के नेतृत्व में हुए हैं। ऐसे सतगुरु जी के शिष्यों के अंदर मन मुटाव पैदा करने के लिए कुछ शरारती तत्व सोशल मीडिया पर अनर्गल बातें कर रहे हैं। इनको ये नहीं पता है कि साध-संगत का अपने सतगुरु जी के प्रति पूरा दृढ़ विश्वास है और उनकी साजिश पूरी तरह नेस्तोनाबूत होंगी।
-गुरदीप इन्सां, गुरुग्राम

हमें पूज्य गुरु जी ने सभी धर्मों का आदर सत्कार करना सिखाया है। लेकिन कुछ लोग राजनीति चमकाने के लिए डेरा सच्चा सौदा पर बेवजह कीचड़ उछालने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा विश्वास डेरा सच्चा सौदा में पहले से ज्यादा दृढ़ हुआ है। ऐसे मनमते लोग डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत में जितनी फूट डालने की कोशिश करेंगे, साध-संगत का विश्वास उतना ही मजबूत होगा। हम अपने मुर्शिद के वचनों पर पहले भी चलते आए हैं और आगे भी चलते रहेंगे। हम पूज्य गुरु जी का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते हैं जो साध-संगत की हर पल संभाल करते हैं। हमारे मुर्शिद जैसा न कोई हुआ और न ही कभी होगा।
-सतपाल नंबरदार, भादड़ा (सरसा)।

पूज्य गुरु जी ने जितनी भी चिट्ठियां भेजी हैं उनमें कोरोना से बचने, देश में अमन शांति होने, किसान आंदोलन का रास्ता निकलने सहित अनेक वचन फरमाए। इससे ये स्पष्ट होता है कि संत पूरी दुनिया की चिंता करते हैं। हम खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं जो हमें पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जैसे गुरु मिले। मेरे सतगुरु जैसा न तो कोई है और न कोई होगा। पूज्य गुरु जी ने करोड़ों लोगों को राम-नाम से जोड़कर बुराईयों से दूर किया। उनका ऋण हम अनेक जन्म लेकर भी नहीं उतार सकते। हम सभी धर्मांे का आदर सत्कार पहले भी करते थे और भविष्य में भी करते रहेंगे। क्योंकि पूज्य गुरु जी ने हमें शिक्षा ही ऐसी दी है कि कोई भी धर्म बुरा नहीं होता और न ही कभी बुरी शिक्षा देता।
-पवन इन्सां, गाँव नागोकी (सरसा)।

पूज्य गुरु जी की 9वीं चिट्ठी पढ़कर वैराग्य आ गया। पूज्य गुरु जी साध-संगत का बेहद ख्याल रखते हैं। चिट्ठी में लिखे गए एक-एक वचन का हम दृढ़़ता से अनुसरण करेंगे। एक जन्म तो क्या सैकड़ों जन्म लेकर भी हम अपने मुर्शिद का ऋण नहीं उतार सकते। कुछ लोग सोशल मीडिया पर प्लेटफार्म बनाकर या अन्य तरीकों के जरिए साध-संगत को भरमाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन साध-संगत ऐसे लोगों की असलियत अच्छी तरह से जानती है। हमारा दृढ़ विश्वास अपने सतगुरु पर है और हमेशा रहेगा। अब तो यही इच्छा है कि पूज्य गुरु जी देह स्वरूप में जल्द ही हमारे बीच में आएं।
-सर्वजीत नंबरदार, गाँव भंगू (सरसा)

कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ व साध-संगत में फूट डालने की असफल कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों को साध-संगत भली-भांति जानती है। पूज्य गुरु जी द्वारा भेजी गई 9वीं चिट्ठी में सभी भ्रम भुलेखे निकाल दिए। साथ ही उन्होंने मनमते लोगों से बचने हेतु भी वचन फरमाए। हमारा विश्वास डेरा सच्चा सौदा में पहले भी था और भविष्य में भी इसी तरह अडोल रहेगा। तथाकथित चाहे कितने ही हथकंडे अपना ले, लेकिन साध-संगत एकजुट रहेगी। मैं शाह सतनाम जी महाराज के समय से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ हूं। न तो कभी परमपिता जी ने और न ही कभी हजूर पिता जी ने कभी भी किसी धर्म के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला। हमें यही शिक्षा दी है कि सभी धर्म एक समान हैं और सभी का आदर-सत्कार करना चाहिए।
-सुरजीत इन्सां गाँव दादू (सरसा)।

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