छत्तीसगढ़ की साध-संगत ने पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लगाए सकोरे

बिनकरा (छतीसगढ़)। प्रदेश भर में लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए छतीसगढ़ के ब्लॉक बिनकरा की साध-संगत ने बेजुबान पक्षियों के लिए पानी के सकोरे लगाए। सभी ने अपने -अपने घरों की छत पर पक्षियों के लिए पानी के सकोरे लगाए। छतीसगढ़ के एक जिम्मेवार ने बताया कि भीषण गर्मी में पक्षियों को भी पानी की बेहद जरूरत होती है। हमारे साथियों ने मिलकर इस पर विचार किया गया और अपने-अपने घरों की छतों पर सकोरे (पक्षियों के लिए पानी से भरा कटोरा) लगाए हैं। इनमें पक्षियों के लिए पानी और दाना डाला जाता है। यहां पक्षी झुंड बनाकर आते हैं और सकोर के ऊपर बैठकर दाना पानी लेते हैं।

सकोरे ऊंचाई पर टांगे

उन्होंने आगे बताया कि पक्षियों की प्यास बुझाने के साथ ये भी जरूरी है कि उन्हें धूप से भी बचाया जाए। इसके लिए हम उनके लिए छायादार आश्रय-स्थल बना कर बालकनी में या बगीचे में पेड़ों की शाखाओं पर टांग सकते हैं। उन्होंने कहा कि पक्षियों के लिए आश्रय-स्थल बनाते वक्त ध्यान रखें, कि उसमें हवा आसानी से आती-जाती हो। इन्हें ऊंचाई पर टांगे, ताकि बिल्ली और दूसरे जानवरों से वो सुरक्षित रह सकें। उन्होंने कहा कि वैसे तो पक्षी बहुत मेहनती होते हैं और अपने लिए दाने की व्यवस्था खुद कर लेते हैं, लेकिन गर्मियों में जरूरी है कि उन्हें कम-से-कम उड़ना पड़े, वो जितना उड़ेंगे, उन्हें उतनी ही पानी की जरूरत होगी। पानी के साथ अगर हम उनके लिए खाना भी रख देंगे, तो उन्हें ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा, उनके लिए बनाए गए घर में उनके लिए दाना और पानी रखा जा सकता है।

पूज्य गुरू जी का आभार जताया

पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाए गए 139 मानवता भलाई कार्यों को साध-संगत निरंतर तेज गति दे रही है। देश के विभिन्न राज्यों की साध-संगत जरूरतमंद परिवारों को राशन, पानी के सकोरे इत्यादि कार्य कर रही है। वहीं छतीसगढ़ की साध-संगत ने पूज्य गुरू जी का आभार जताया और कहा कि पूज्य गुरू जी ने हमें मानवता की सेवा करने की शिक्षा दी है जिससे आज इस कलियुग समय में भी हम मानवता भलाई के कार्य कर रहे हैं।

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