Saint Dr. MSG ने दो शाही बेटियों और चार शाही बेटों की करवाई शादियां

कुल का क्राउन मुहिम के तहत चार और बेटियों से चलेगा वंश

  • पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने टोकन ऑफ लव के रूप में शाही बेटियों को 7-7 लाख और शाही बेटों को 5-5 लाख रुपये की एफडीआर दी

बरनावा/सिरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का प्रत्येक क्षण मानवता भलाई और समाज उत्थान को समर्पित रहता है। इसी क्रम में पूज्य गुरु जी ने मंगलवार देर सायं ऑनलाइन माध्यम से देश-विदेश में लाखों लोगों का नशा और बुराइयां छुड़वाई। इसके साथ ही इस शुभ अवसर पर पूज्य गुरु जी ने दो शाही बेटियों की शादी करवाई। वहीं शाही आसरा आश्रम के चार नवयुवक कुल का क्राउन के साथ विवाह बंधन में बंधे। पूज्य गुरु जी ने अपनी नेक, कड़ी मेहनत की कमाई में से शादी के बंधन में बंधी शाही बेटियों को सात-सात लाख और शाही आसरा आश्रम के बेटों को 5-5 लाख रुपये की एफडी टोकन ऑफ लव के रूप में दी।

बरनावा में आॅनलाइन मजलिस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि मालिक, परम पिता परमात्मा, सच्चे दाता रहबर शाह सतनाम, शाह मस्तान, ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम कण-कण में विराजमान है, हर जगह रहते हैं वो। चाहवान जब उन्हें बुलाते हैं तो वो चले आते हैं। जो वैराग्य के साथ प्रभु को, परमात्मा को, राम को, अल्लाह, गॉड, खुदा, रब्ब को याद करते हैं वो बहुत जल्दी उसको पा लेते हैं। इस शुभ अवसर पर शाही बेटी सुचेतना इन्सां सुपुत्री फोस्टर फादर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की शादी महक इन्सां सुपुत्र धर्मपाल इन्सां निवासी सिरसा व शाही बेटी खुशबू इन्सां सुपुत्री फोस्टर फादर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की शादी अनमोल इन्सां सुपुत्र धर्मपाल इन्सां निवासी दोदा, मुक्तसर (पंजाब) के साथ हुई।

शाही बेटियां

वो बेटियां, जिन्हें गर्भ में ही मार दिया जाना था या जिन्हें माँ-बाप मरने के लिए कूड़े के ढेर पर छोड़ गए थे। लेकिन पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने ऐसी 21 बेटियों को न केवल अपनाया बल्कि माँ-बाप की जगह खुद अपना नाम दिया। इनका पालन पोषण किया, पढ़ाया-लिखाया और इन्हें काबिल बनाया। ऐसा काबिल बनाया कि इनमें से कई बेटियों ने शिक्षा व खेलों में देश का नाम रोशन किया।

शाही आसरा आश्रम

शाही आसरा आश्रम, यह पूज्य गुरु जी द्वारा चलाए जा रहे 140 मानवता भलाई के कार्यों में से 5वां कार्य है। जिसके तहत अनाथ, बेसहारा लड़कों को अपनाना और उन्हें शिक्षा देकर आत्मनिर्भर बनाना। पूज्य गुरु जी ने ऐसे 17 बच्चों को न केवल अपनाया बल्कि इन्हें माँ-बाप की जगह अपना नाम दिया, इनका पालन-पोषण किया, पढ़ाया-लिखाया और काबिल बनाया।

  

कुल का क्राउन

पूज्य गुरु जी द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई के 140 कार्यों में से 73वां कार्य ‘कुल का क्राउन’ है। जिसमें ये माना जाता था कि लड़कों से ही वंश चलता है। पूज्य गुरु जी ने इस भ्रम को दूर किया और इस मुहिम के तहत लड़की शादी करके दूल्हे को घर लेकर जाती है और
लड़की से ही वंश चलता है।


बेटे के अंदर अगर माँ-बाप का खून है तो क्या बेटी के अंदर माँ-बाप का पानी भरा होता है। बेटे के अन्दर माँ-बाप का खून बहु दूसरी आती है उसका बच्चा वंश चलाता है। तो बेटी के अंदर भी उसी माँ-बाप का खून है और दामाद दूसरा आता है, तो बेटी अपने बच्चे से वंश क्यों नहीं चला सकती? फर्क कहां है? इसलिए कुल का क्राउन, जिनके एक ही बेटी है या मान लीजिये दो बेटियां ही हैं और एक की शादी हो गई तो दूसरी बेटी है तो मालिक अब जो पौध लगाएगा, जो बच्चा आएगा वो बेटी के गोत्र से जाना जाएगा ना कि बेटे के गौत्र से।
– पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां

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