मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव का डेरा सच्चा सौदा पर बड़ा बयान

Dera Sacha Sauda

नशा छुड़वाने की मुहिम को आगे बढ़ा रहा डेरा सच्चा सौदा: कृष्ण बेदी

कुरुक्षेत्र। मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव व पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी ने डेरा सच्चा सौदा की नशा छुड़वाने की मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि वे डेरा सच्चा सौदा से प्रभावित हैं। पूज्य गुरु जी द्वारा जिस प्रकार से नशे व अन्य बुराइयों के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ है, यह अति सराहनीय है। इस कार्य की प्रशंसा करते हैं।
विधायक ने की प्रशंसा
शुगरफैड हरियाणा के चेयरमैन व शाहाबाद विधायक रामकरण काला ने डेरा सच्चा सौदा की मुहिम को सराहा। उन्होंने कहा कि वे अनेकों वर्षों से डेरा सच्चा सौदा जा रहे हैं। पूज्य गुरु जी द्वारा साध-संगत को अच्छे कार्य करने की प्रेरणा दी जाती है।

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डेरा सच्चा सौदा की मुहिम को सैल्यूट करता हूँ: गुलशन पात्रा

नगर पालिका शाहबाद के चेयरमैन गुलशन क्वात्रा ने कहा कि वे डेरा सच्चा सौदा को सैल्यूट करता हूँ। गुरु जी द्वारा चलाए गए ध्यान, योग और स्वास्थ्य द्वारा अखिल भारतीय नशा उन्होंने मुक्ति अभियान (डेप्थ) और ‘हो पृथ्वी साफ, मिटे रोग अभिशाप’ सफाई महाअभियान की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि इन मुहिमों की आज समाज को बहुत जरूरत है। साथ ही वायदा किया कि वे साध-संगत के साथ मिलकर घर-घर तक नशा मुक्ति मुहिम को पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि वे प्रयास करेंगे कि पूज्य गुरु जी की प्रेरणा से शाहाबाद को नशा मुक्त किया जाए।

श्रद्धालुओं की खुशी का न था ठिकाना

अनाज मंड़ी में आयोजित सत्संग पंडाल तक लांखों की संख्या में साध-संगत ढोल की थाप पर नाचते हुए पहुंची। साध-संगत अपने गुरु के दर्श दीदार के करने के लिए काफी उत्साहित नजर आ रही थी, जिसका नजारा देखते ही बन रहा था। साध-संगत के विभिन्न समूह अपने साथ ढोल पार्टियों को लेकर चल रहे थे और ढोल की थाप पर बच्चे क्या, बुजुर्ग क्या और महिलाएं क्या, सभी नाचते हुए सत्संग पंडाल तक पहुंचे।

सेवादारों ने संभाला व्यवस्था का जिम्मा

सत्संग पंडाल में पूरी व्यवस्था का जिम्मा सच्चा सौदा के सेवादार द्वारा संभाला गया था। संगत ने कतारों में बैठकर सत्संग सुना। कतारों में खड़े वाहन, सुचारू ट्रैफिक व्यवस्था का संदेश दे रहे थे। हालांकि सत्संग का समय 10 बजे से था लेकिन साध संगत पहले ही सत्संग पंडाल में आना शुरू हो गई थी और अलसुबह ही सेवादारों ने अपनी ड्यूटी का जिम्मा संभाल लिया था। पार्किंग में वाहन खड़ा करवाने, सड़कों पर रास्ता बनाने तक सत्संग की सभी व्यवस्थाओं का जिम्मा सेवादारों द्वारा स्वयं संभाला गया था। जैसे ही सत्संग का कार्यक्रम समाप्त हुआ तो सेवादारों ने लंगर चखाने का कार्य शुरू कर दिया। चंद मिनटों में ही लाखों की संख्या में आई साध-संगत को लंगर प्रशाद बांट दिया गया।

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