पूज्य गुरु जी की प्रेरणा से डेरा अनुयायी करते हैं रक्तदान

Dera Sacha Sauda

सरसा। अपने सतगुरू के दिखाए मार्ग पर चलते हुए साध-संगत रोजाना मानवता भलाई के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है। रक्तदान कर मरीजों की जान बचाती है। जब किसी मरीज को रक्तदान की जरूरत होती है तो तुरंत अस्पताल पहुंचकर साध-संगत रक्तदान करते है। वहीं डेरा सच्चा सौदा के ट्वीटर हैंडल पर नई पोस्ट अपलोड की है। जिसमें रक्तदान के बारे में बताया गया है। जब उपलब्धता आवश्यकता से मिलती है, तो यह किसी को जीवन में लाती है। मरीजों के लिए खून की कमी से लेकर ज्यादा खून तक, संत डॉ की प्रेरणा से #डेरासच्चा सौदा के स्वयंसेवक नियमित रूप से #रक्तदान करते हैं और लाखों लोगों की जान बचाते हैं।

रक्तदान पर गुरु जी के वचन

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आज के वक्त स्वार्थ का बोलबाला है। कई नगरों में तो राम-राम कहने पर भी पूछते हैं कि क्या चाहिए? यानि ग़र्ज के बिना राम-राम भी मंजूर नहीं करते। जबकि राम-राम बोलने से मुँह पवित्र होता है, आत्मा पवित्र होती है। तो इसलिए ऐसे भयानक घोर कलियुग में, स्वार्थी युग में जो लोग परहित परमार्थ तन, मन, धन से करते हैं धन्य हैं उनके माँ-बाप और धन्य वो लोग होते हैं, जो ऐसी सेवा करते हैं।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमने जब खूनदान का कैंप शुरू करवाया, आई कैंप लगा करते थे, उस दरम्यिान देखा कि लोग भाग-भाग कर सेवा कर रहे हैं। पर उससे पहले हमने 1980 से 1990 के बीच में कई बार देखा कि अगर ब्लड की जरूरत पड़ती तो सगा भाई सगे भाई को नहीं देता था। एक बार हम किसी के साथ गए थे तो डॉक्टर साहिबान कहने लगे कि ब्लड डोनेट करना पड़ेगा। तो मरीज के भाई का ब्लड ग्रुप उससे मिलता था। लेकिन जब उनसे मांगा गया तो वो आगे चले गए, साइड में चले गए, वापिस लौटे ही नहीं। तो ऐसा टाइम भी था। और आज राम-नाम के प्यारे लाखों में हैं, जो ब्लड डोनेट को तैयार रहते हैं, बेमिसाल, कमाल।

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