सेंट्रल विस्टा पर हल्ला, भला ये भी कोई बात हुई

देश में जनप्रतिनिधियों के भारी भरकम वेतन उन्हें दिए जा रहे भत्ते, एक बाद एक पेंशन दिया जाना, फिजूल खर्च है। सरकार द्वारा उद्योगपतियों को पहले केन्द्रीय बैंकों से आसान शर्तों पर हजारों करोड़ के ऋण देना फिर उन्हें माफ कर देना ये धन की घनघोर बर्बादी है। ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर विपक्षी दलों की … Continue reading सेंट्रल विस्टा पर हल्ला, भला ये भी कोई बात हुई