राजनीति में चर्चा, आलोचना व बगावत

Kapil Sibal

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रसिद्ध वकील कपिल सिब्बल ने बिहार चुनाव के बाद अपनी पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। सिब्बल को तीखा जवाब पार्टी के लोक सभा में नेता अधीर रंजन ने दिया है। रंजन ने कहा है कि सिब्बल को अलग पार्टी बना लेनी चाहिए। इससे पहले भी 23 नेताओं ने पार्टी में सुधार के लिए पत्र लिखा था, जिस पर भी काफी विवाद हुआ था। सिब्बल का कहना है कि पार्टी के अंदर बात करने का मंच नहीं, जिस कारण वह मीडिया में बयान दे रहे हैं। दरअसल राष्ट्रीय पार्टियों से लेकर क्षेत्रीय पार्टियों तक चिंतन-मंथन की कमी चुभ रही है, जिसका पार्टियों को भारी नुक्सान भी हुआ है। सरकार चला चुकी कई क्षेत्रीय पार्टियां विपक्ष का दर्जा भी प्राप्त नहीं कर सकीं। लगातार दो बार कांग्रेस की लोक सभा चुनाव में करारी हार के कारण सिब्बल सहित कई नेता पार्टी की कमजोरियों की चर्चा करने लगे हैं जहां तक सिब्बल का सवाल है उनके तर्क को बगावत की तरह पेश किया जा रहा है।

पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र भी जरूरी है। आॅल इंडिया कांग्रेस इसकी मिसाल आप है कि इस बड़ी पार्टी में विचारों के मत भेद के कारण बाहर निकले नेताओं ने अपनी अलग पार्टी बनाकर राज्य में सरकार बनाने में कामयाबी भी हासिल की। ममता बेनर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस पार्टी बनाई और आज उनकी पार्टी बंगाल में सरकार चला रही है। इसी प्रकार हरियाणा में हरियाणा जनहित कांग्रेस भी विधान सभा चुनाव में कई सीटों पर जीतने में कामयाब रही। चौ. बंसी लाल ने कांग्रेस से अलग होकर हरियाणा विकास पार्टी बनाई और प्रदेश में सत्ता प्राप्त की। आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी कांग्रेस से अलग होकर प्रदेश की सरकार चला रहे हैं।

हर विचार को विरोध कहकर अनदेखा नहीं किया जा सकता। कांग्रेस पार्टी को अपने नेताओं कार्यकर्ताओं के विचार रखने का पार्टी के अंदर ही मंच देने के साथ-साथ कमजोरियों को समझने और स्वीकार करने की संस्कृति पैदा करनी होगी। कुछ नेता खुशामद के चक्कर में पार्टी की कमजोरियों की चर्चा करने वाले को ही बागी बनाकर पेश कर देते हैं जिस कारण पार्टी के लिए मुश्किलें पैदा होती हैं। तर्क को स्वीकार करना और संवाद बनाना आवश्यक है। कांग्रेस ने अपनी, परंपराओं और संस्कृति की बदौलत देश पर आधी सदी से ज्यादा समय तक शासन किया है। पार्टी की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर पार्टी को आंतरिक व बाहरी तौर पर बेहतर कार्यशैली का हस्ताक्षर बनाना होगा।

 

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