अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ न करें

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 हम बचपन से ये कहावत सुनते आ रहे हैं कि मैंने अपने बाल धूप में सफेद नहीं किये हैं। इस वाक्य का अर्थ है कि एक व्यक्ति जो आयु में बड़ा हो चुका है, उसे अपने जीवन का भरपूर अनुभव है। उसने अपने जीवन में बहुत कुछ अनुभव से सीखा है और अन्य लोगों को भी उसके अनुभव का लाभ उठाना चाहिए। लेकिन आजकल सब उलटा हुआ पड़ा है।

सब अपने को एक-दूसरे से आयु में छोटा दिखाने का प्रयास करते हैं और इसके लिए ना जाने क्या-क्या पापड़ बेलते हैं। प्रकृति ने सोच-समझकर ही इंसान को जीवन की चार अवस्थाएं दी हैं, लेकिन फिर भी इंसान यह मानने को तैयार नहीं होता।

जब व्यक्ति अपनी आयु को छिपाकर अपने को नौजवान दिखाने की कोशिश करता है, तो ऐसे में वो अपने-आपको ही धोखा दे रहा होता है, क्योंकि यदि भगवान् ने सबको एक ही रूप में रखना होता तो वो इंसान को बचपन से जवानी में न ले जाता।

सभी बच्चे रहते। एक आयु विशेष से इंसान बहुत कुछ सीखकर समाज को बहुत कुछ दे सकता है, लेकिन इंसान यह कभी नहीं स्वीकार करता कि वह अब बड़ा हो गया है, अपितु अपने को दूसरों से आयु में छोटा ही समझता रहता है और गुणों में दूसरों से ज्यादा। हमने कई ऐसे व्यक्तियों को देखा है, जिनकी स्वयं की आयु बहुत अधिक है या दूसरे व्यक्ति की आयु के आसपास की है, लेकिन वह दूसरे व्यक्ति को अंकल कहकर पुकारते हैं, चाहे वह दूसरा व्यक्ति उससे आयु में कुछ वर्ष ही बड़ा क्यों न हो।

आज के युग में व्यक्ति अपने चेहरे व देह को सुन्दर बनाने के लिए कोई न कोई उपाय करता ही रहता है। कई बार वह करता तो भले के लिए है, लेकिन उसका विपरीत प्रभाव उसके शरीर पर दिखाई देने लगता है। हम यहां बात कर रहे है, बालों को रंगने की। आज के समय में बालों को रंगना एक फैशन बन गया है। जिसके बाल काले हों, वह भी बालों में

अलग-अलग रंग लगा रहा है। आपको बता दें कि बालों को रंगने से जहां आप खूबसूरत और आकर्षक लगते हैं, वही बालों को कलर कराने से आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि बालों को रंगने के क्या फायदे-नुकसान है। इन्सान के सिर के बाल व्यक्ति की सुंदरता में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति के बाल बचपन में ही सफेद होने शुरू हो गए हैं, जिससे वे इन्हे रंगने के लिए विवश हो जाते हैं।

आजकल अधेड़ आयु के व्यक्ति ही नहीं, अपितु बिल्कुल बुजुर्ग व्यक्ति जिनकी आयु 65 वर्ष से भी अधिक हो गयी है, वे भी अपने बाल काले करने से नहीं चूकते, जबकि उनका चेहरा उनकी चुगली कर रहा होता है। जब व्यक्ति बालों में रंग लगाता है, तो उसके बाल कुछ समय के लिए काले तो हो जाते हैं, लेकिन आंखों की रोशनी और चेहरे की रौनक और त्वचा पर इसका कुप्रभाव पड़ता ही पड़ता है और साथ ही बाल उड़ने भी शुरू हो जाते हैं।

कहते हैं कि व्यक्ति का चेहरा उसका दर्पण होता है। इंसान का चेहरा व्यक्ति के अधिकतर गुणों को उजागर करने की क्षमता रखता है। कई व्यक्तियों के चेहरे पर इतना तेज चमक होता है कि उनकी आयु अधिक होने, बाल सफेद होने के पश्चात भी वे नौजवान और खूबसूरत दिखाई देते हैं। इसके विपरीत कई व्यक्ति आयु में छोटे होने पर भी अपनी आयु से कहीं अधिक बड़े दिखाई देते हैं।

इसका कारण उनके चेहरे पर चमक न होना या अधिक कमजोर होना हो सकता है। मैंने अपने जीवन में कई ऐसे व्यक्तियों को देखा है जिन्होंने शायद ही अपने बालों को रंगा होगा और उनका व्यक्तित्व बड़ा ही आकर्षक होता है।

पिछले दिनों मैंने एक कार्यक्रम में एक महिला को देखा जिसकी आयु लगभग 60 वर्ष रही होगी। उसके सिर के सारे बाल बिलकुल सफेद चमक रहे थे लेकिन वह एकदम चुस्त और सुन्दर लग रही थी, तो मैंने भी उससे प्रेरणा लेकर भविष्य में बाल काले न करने का संकल्प लिया। सबको चाहिए कि वह अपनी बढ़ रही आयु को स्वीकार करें और समाज के लिए अपने अनुभव साझा करें। अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन योग और शारीरिक मेहनत अवश्य करें।

 

 

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