बजट से अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्टर डोज

Budget2020-21
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वित्त मंत्री ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था की बुनियादी मजबूत है। महंगाई काबू में है और बैंकों में भी सुधार हुआ है। भारत ने 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। यह बजट तीन थीम पर खड़ा है। ऐस्पिरेशनल इंडिया, इकोनॉमिक डेवलपमेंट फॉर ऑल और केयरिंग सोसाइटी। सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने 6.11 करोड़ किसानों पर फोकस किया है। कृषि से जुड़ी गतिविधियों, सिंचाई और ग्रामीण विकास पर 2.83 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

बाल मुकुन्द ओझा

अर्थव्यवस्था की चुनौतियों के बीच मोदी सरकार ने शनिवार को अपने पांच साला कार्यकाल के पहले बजट का आगाज कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को लोकसभा में पेश किये अपने वर्ष 2020-2021 के सालाना बजट में जैसी की उम्मीद की जा रही थी। अर्थव्यवस्था की सुस्ती के मध्य मोदी सरकार को कुछ कर दिखाना था। आशा के अनुरूप राहतों की झड़ी लगाकर बजट में मोदी सरकार ने जनता का दिल जीतने का प्रयास किया है। मोदी के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को इकोनॉमी को बेहतर करने की दिशा में क्रांतिकारी बताया जा रहा है। आशा की जा रही है, ग्रोथ रेट में लगातार आ रही गिरावट से प्रस्तुत बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्टर डोज। यह अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार की ओर से उठाया गया अब तक का सबसे बड़ा कदम है। मोदी सरकार ने अपने बजट का फोकस गांव, गरीब, किसान, मजदूर और मध्यम वर्ग पर रखा है। इन सभी वर्गों के कल्याण की घोषणाएं की गई हैं।
वित्त मंत्री ने नई टैक्स दरों का ऐलान कर दिया है। जिसमें मध्यम वर्ग को राहत मिली है। वहीं सरकार ने एलआईसी में अपनी पूंजी का एक हिस्सा और आईडीबीआई का पूरा हिस्सा बेचने की घोषणा की है। वहीं अब बैंक डूबा तो पांच लाख तक की रकम सुरक्षित रहेगी। पहले यह राशि एक लाख रुपये थी। वित्त मंत्री ने 2020-21 के लिए जीडीपी का अनुमान 10 फीसदी का लगाया है। इस वित्तीय वर्ष में खर्च का अनुमान 26 लाख करोड़ रुपये का है। पौने तीन घंटे के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए हैं। हालांकि, बाजार को बजट पसंद नहीं आया और इसमें भारी गिरावट आई। सत्ता पक्ष ने बजट का स्वागत करते हुए इसे गांव, गरीब और किसान के लिए सर्वोत्तम बताया वहीं विपक्ष ने दिशाहीन बताया। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा कि रोजगार के लिए बजट में कुछ नहीं है।
वित्त मंत्री ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। महंगाई काबू में है और बैंकों में भी सुधार हुआ है। भारत ने 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। यह बजट तीन थीम पर खड़ा है। ऐस्पिरेशनल इंडिया, इकोनॉमिक डेवलपमेंट फॉर आॅल और केयरिंग सोसाइटी। सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने 6.11 करोड़ किसानों पर फोकस किया है। कृषि से जुड़ी गतिविधियों, सिंचाई और ग्रामीण विकास पर 2.83 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 27 हजार करोड़ रुपए इंडस्ट्री और कॉमर्स के प्रमोशन पर खर्च होंगे। देशभर में डेटा सेंटर पार्क बनाए जाएंगे। आंगनवाड़ी, डाकघर, पुलिस स्टेशन, ग्राम पंचायतों को डिजिटल कनेक्टिविटी मिलेगी। भारत नेट के जरिए इसी साल एक लाख ग्राम पंचायतों को डिजिटल कनेक्टिविटी मिलेगी।
बजट में सरकार ने नए टैक्स स्लैब में बदलाव कर मध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ी राहत दी है। 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 5 से 7.5 लाख तक आय पर 10 फीसदी का टैक्स लगेगा। पहले 10 फीसदी का स्लैब नहीं था। 7.5 लाख से 10 लाख की आय पर 15 फीसदी टैक्स होगा। 10 लाख से 12.5 लाख की आय पर 20 फीसदी टैक्स होगा। स्लैब में किए गए बदलाव के बाद अब बचत में गिरावट बढ़ेगी, क्योंकि जो रियाततें वापस ली गई हैं उसके तहत बीमा, मेडिक्लेम, छोटी बचत पर विपरीत असर पड़ेगा।
मोदी सरकार के बजट से युवाओं को नौकरियों को लेकर काफी उम्मीदें थीं और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उसे पूरा करने की भी कोशिश की है। बजट में बड़ी घोषणाएं करते हुए रोजगार के नए द्वार खोले हैं। बजट की शुरूआत में ही उन्होंने कहा कि हमारा वतन नौजवानों के गरम खून जैसा है। निर्मला ने कहा कि अब शिक्षा और नर्सिंग के क्षेत्र में सबसे ज्यादा नौकरियां आएंगी। इसके अलावा सरकारी बैंकों के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी बनाने की भी घोषणा की गई है। स्किल इंडिया के जरिए रोजगार पर जोर दिया जाएगा। कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। ग्रामीण युवाओं को इंटर्नशिप कराई जाएगी। भविष्य में सरकार गांव में रोजगार देगी।
सरकार घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग पर जोर दे रही है। खासकर मोबाइल फोन पर जोर रहेगा और भारत को मोबाइल हब बनाया जाएगा। सेमी कंडक्टर और मेडिकल डिवाइस बनाने पर भी फोकस किया जाएगा। हर जिले को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित करेंगे। 27 हजार करोड़ का आवंटन उद्योग और वाणिज्य विकास के लिए किया गया है। बजट में घोषणा की गई है कि 100 लाख करोड़ इंस्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश होगा। 2000 किलोमीटर के तटीय इलाकों में सड़क बनेगी। दिल्ली मुंबई के बीच हाईवे बनेगा। इसलिए इंस्फ्रास्ट्रक्चर में भी काफी नौकरियां आएंगी। पर्यटन में भी काफी नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2500 करोड़ खर्च करने का ऐलान किया है।

 

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