हरियाणा के अंतिम गाँव ‘बणी’ की शिक्षित पंचायत ने बदली दी तस्वीर

Educated Panchayat of Haryana's last village 'Bani' changed the picture
खारियां (सुनील कुमार)। जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर पश्चिम में राजस्थान बोर्डर से सटा गाँव बणी आबादी के मामले में रानियां खंड का सबसे बड़ा गाँव है। गाँव पाँच भागों में विभाजित है, जिन्हें बणी नं. 1, 2, 3, 4 और 5 के नाम से जाना जाता है। करीब 2200 परिवारों और 15 हजार की आबादी वाले इस गाँव की बागडोर 2016 में ग्रामीणों ने युवा व डबल एमए व जेबीटी डिग्री प्राप्त रामसिंह सहारण को सौंपी। उन्होंने 14वें सरपंच के रूप में अपना कार्यभार संभाला। उनके कार्यभार संभालने से पूर्व गाँव विकास के मामले में काफी पिछड़ा हुआ था, क्योंकि गाँव अलग-अलग पाँच भागों में बंटा हुआ था,जिसका विकास करवाना आसान नहीं था। लेकिन मौजूदा ग्राम पंचायत ने राम सिंह सहारण के नेतृत्व में परिवार के एक मुखिया की भान्ति सभी वार्ड पंचों के सहयोग व प्रशासन के साथ मिलकर गांव के विकास को रफ्तार दी। वर्तमान ग्राम पंचायत को अंतर्राष्ट्रीय समरसता के मंच पर इंडो नेपाल समरसता आर्गेनाईजेशन द्वारा अभिनंदन पत्र व मेडल देकर सम्मानित भी किया जा चुका है। वहीं प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019-20 में स्वास्थ्य, स्वच्छता, लिंगानुपात व शिक्षा स्तर में हुए सुधार पर ग्राम पंचायत को चार स्टार प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।

11 करोड़ और मंजूर, अब ये सुविधाएं और मिलेगी ग्रामीणों को

किसानों के अनाज की बिक्री के लिए करीब 8 करोड़ की लागत से सब यार्ड मंडी, गांव में सार्वजनिक कार्यक्रमों व विवाह शादियों के लिए चार एकड़ भूमि पर 2 करोड़ से मैरिज पैलेस का निर्माण, करीब 1 करोड़ की लागत से बणी नं. 2 को चौगान, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर भवन की चारदिवारी व 6 गलियों का नव निर्माण किया जाएगा।

20.84 करोड़ की राशि गाँव के विकास पर की गई खर्च

वर्तमान पंयायत से पूर्व गांव में काफी सारी समस्याएं थी। लेकिन मौजूदा ग्राम पंचायत ने इन्हें दूर कर गाँव को विकास के मामले में आगे बढ़ाया। सर्वप्रथम गांव में स्वच्छ जल के लिए 7 करोड़ 37 लाख से जलघर का निर्माण कर ग्रामीणों के लिए पेयजल की सुविधा प्रदान की। वहीं ग्रामिणों के स्वास्थ्य के लिए 3 करोड़ 55 लाख से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण करवाया गया। जबकि 19 लाख 90 हजार से व्यायामशाला कम पार्क और 15 लाख से ग्राम सचिवालय का निर्माण करवाया गया। वहीं 10 लाख से 2 पीने के पानी के लिए ट्यूबवेल लगवाए गए। इसके अलावा वाल्मीकी व मेघवाल शमशान घाट के सौंदर्यकरण पर 15 लाख, स्कूल में 2 कमरों,बरामदों, टॉयलेट व चारदिवारी के निर्माण पर 40 लाख खर्च किए गए। गाँव की मुख्य मार्केट व स्कूल में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरें लगवाए गए तथा ब्रोडकास्टिंग व रंग रोगन पर 15 लाख खर्च किए गए।

खेल स्टेडियम के गेट व सौंदर्यकरण पर 2 लाख हुए खर्च

बणी नं. 1 के चौगान पर 19 लाख 90 हजार, खेल स्टेडियम के गेट व सौंदर्यकरण पर 2 लाख, 10 लाख से एक नई आंगनवाड़ी, मनरेगा मजदूरों को 1 करोड़ 50 लाख का रोजगार, गौशाला निर्माण पर 1 करोड़ 67 लाख, करीब 3 करोड़ 25 लाख से 20 आईबीपी गलियां, 20 लाख से ठोस कचरा प्रबंधन प्लाँट, गंदे पानी की निकासी के लिए 20 लाख से नालों का निर्माण, सार्वजनिक संस्थाओं के रंगाई पर 5 लाख, 200 वृद्धा पेंशन, राजकीय स्कूल व पीएचसी में सौलर सिस्टम, ठण्डे पानी के लिए 3 वाटर कुलर, गांव के चारों ओर करीब 5 हजार छायादार व फलदार वृक्षा रोपण किया गया। गांव में जागरूकता लाने के लिए स्वच्छता, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, पर्यावरण व जल संरक्षण जैसे अनेकों अभियानों, पोल व वॉल पेंटिंग तथा अनेंकों सभाओं का समय समय पर आयोजन किया गया।

बणी ग्राम पंचायत फॉर स्टार व इंडो नेपाल समरसता पुरस्कार से हो चुकी है सम्मानित

शिक्षत पंचायत का ही असर है कि बणी वासियों के आपसी प्यार, भाईचारे व सदभावना को बनाए रखने पर 30 सितम्बर 2019 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में सार्क देशों द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय समरसता मंच पर बणी ग्राम पंचायत को लिंगानुपात, शिक्षा स्तर, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण में अच्छा कार्य करने के लिए इंडो नेपाल समरसता आर्गेनाईजेशन द्वारा अभिनंदन पत्र, मेडल, शॉल व नेपाली राष्ट्र की टॉपी पहनाकर सम्मानित किया गया। वहीं प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019-20 में स्वास्थ्य, स्वच्छता, लिंगानुपात व शिक्षा स्तर में हुए सुधार पर चार स्टार प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।

खेल स्टेडियम के गेट व सौंदर्यकरण पर 2 लाख हुए खर्च

बणी नं. 1 के चौगान पर 19 लाख 90 हजार, खेल स्टेडियम के गेट व सौंदर्यकरण पर 2 लाख, 10 लाख से एक नई आंगनवाड़ी, मनरेगा मजदूरों को 1 करोड़ 50 लाख का रोजगार, गौशाला निर्माण पर 1 करोड़ 67 लाख, करीब 3 करोड़ 25 लाख से 20 आईबीपी गलियां, 20 लाख से ठोस कचरा प्रबंधन प्लाँट, गंदे पानी की निकासी के लिए 20 लाख से नालों का निर्माण, सार्वजनिक संस्थाओं के रंगाई पर 5 लाख, 200 वृद्धा पेंशन, राजकीय स्कूल व पीएचसी में सौलर सिस्टम, ठण्डे पानी के लिए 3 वाटर कुलर, गांव के चारों ओर करीब 5 हजार छायादार व फलदार वृक्षा रोपण किया गया।

उच्च शिक्षा व आधुनिक बस स्टैंड का समस्या अभी भी आ रही आड़े

जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर व राजस्थान सीमा से लगे होने के कारण यहां की लड़कियों को उच्चतर शिक्षा के लिए रोजाना के यातायात किराया व भीड़ से बड़ी मशकत करनी पड़ती है। जिससे काफी सारी लड़कियों को 12वीं के बाद पढ़ाई जारी रखने के लिए परिजन शहर नहीं भेज पाते। ग्रामिणों की गांव में काफी लम्बे समय से लड़कियों के कॉलेज व लड़कियों के स्कूल के 12वीं तक अपग्रेड करने की मांग है जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई। इसके अलावा गांव में यात्रियों के छाया, बैठने, स्वच्छ पानी, शौचालय व बस ठहराव के लिए एक आधुनिक बस स्टेण्ड की कमी खल रही है। किसानों के अनाज की बिक्री के लिए बनी मंडी छोटी व नीची है जो सब यार्ड मंडी में तबदील हो ताकि किसानों की चिंंतामुक्त होकर दूर मंडियों के खर्चों व समय से बच सकें। गांव में करीवाला रोड़ से स्वामी विवेकानंद स्कूल व इस स्कूल से गुरूद्वारे तक कि 2 फिरनी काफी समय से क्षतिग्रस्त है। इस सब समस्याओं को कई बार पंचायत अपने रेजुलेशन व मुख्यमंत्री को मांग पत्र द्वारा अवगत करवा चुकी है लेकिन अभी तक कोई समाधान नही हुआ है।
वर्तमान ग्राम पंचायत के कार्यकाल में समस्त वार्ड पंचों व प्रशासन के सहयोग से करीब 20 करोड़ 84 लाख रूपए की ग्रांट गांव के विकास कार्यों पर लगा दी है और करीब 11 करोड़ अभी मंजूर हुए हैं। जिनके विकास कार्यों की रूप रेखा तैयार हो चुकी है। जिला मुख्यालय से दूर तथा आबादी व क्षेत्रफल की दृष्ठि से गांव बहुत बड़ा है जिसमें अभी भी लड़कियों के कॉलेज, लड़कियों का 12वीं तक अलग स्कूल, गांव की दो फिरनीयां व कुछ गलियां, आधुनिक बस स्टेण्ड व किसानोें के लिए सब यार्ड अनाज मंडी जैसे कार्य बाकि हैं। ग्राम पंचायत ने रेजुलेशन व मुख्यमंत्री मांग पत्र के माध्यम से कई बार प्रशासन को इनकी सूचना भेज रखी है ग्रामिणों को जिनका अभी इंतजार है।
-राम सिंह सहारण, सरपंच बणी।

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