शिक्षा बोर्ड को नहीं पता विभाग में कितने कर्मचारी डीसी रेट और आटसोर्सिंग पर

DC rate and outsourcing sachkahoon

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने मांगी थी आरटीआई के तहत सूचना

भिवानी (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रदेश भर में शिक्षा का उजियारा फैलाने का दम भरता है, मगर खुद कितने अधियारे में हैं, इसकी एक बानगी आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना के जवाब से देखने को मिली है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को खुद नहीं पता कि बोर्ड में कितने श्रमिक एवं कर्मचारी डीसी रेट और आउटसोर्सिंग के तहत काम कर रहे हैं। दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से अप्रैल 2018 से मार्च 2021 तक बोर्ड में डीसी रेट व आउटसोर्सिंग नीति के तहत कितने श्रमिक लगे हुए हैं, इसकी जानकारी जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी थी।

बोर्ड ने इसके जवाब में महज लीपापोती कर डाली। बोर्ड मुख्यालय से आरटीआई कार्यकर्ता के पास जवाब आया कि सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से कर्मचारी लगाए गए हैं। उसका नाम उपलब्ध करवाकर ही सिर्फ आरटीआई की सूचना से बोर्ड अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ लिया। जबकि बृजपाल सिंह परमार ने आरटीआई में कई ऐसे बिंदुओं की जानकारी मांगी थी, जिसका जवाब बोर्ड मुख्यालय के पास था, मगर बोर्ड अधिकारियों ने आरटीआई के तहत गलत व गुमराह करने वाली जानकारी देकर आरटीआई एक्ट का भी मजाक बनाया है।

बृजपाल परमार ने बताया कि डीसी रेट पर लगे कर्मचारियों की संख्या और हर माह इन पर खर्च होने वाला बजट की जानकारी भी मांगी थी, जिसका बोर्ड ने कोई जवाब नहीं दिया। बृजपाल परमार ने कहा कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के कंधों पर लाखों बच्चों की शिक्षा का जिम्मा हैं, मगर खुद बोर्ड अधिकारी अधियारे में हैं या फिर जानबूझकर वे आरटीआई में गुमराह करने वाला जवाब दे रहे हैं। शिक्षा बोर्ड के राज्य सूचना अधिकारी के खिलाफ भी गलत व गुमराह करने वाला जवाब देने के मामले में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने व सरकारी रिकार्ड से छेड़छाड़ मामले में पुलिस को शिकायत दी जाएगी।

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