सैल्यूट! बेजुबान पशुओं से नफरत नहीं, ये करना सिखाते हैं, प्यार

Enactus MLNC
  • Enactus MLNC द्वारा पशु कल्याण को लेकर चलाई गई मुहिम बन गई मील का पत्थर
  • दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 1200 से अधिक कुत्तों को करवाया जा चुका टीकाकरण
  • मानव-पशु कल्याण जैसे गंभीर मुद्दों पर 1,20,000 से ज्यादा लोगों को किया जा चुका जागरूक

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। इंसान से तो हर कोई प्यार करता है लेकिन क्या कोई ऐसा भी है जो बेजुबानों की सुध लेता हो, उनके दर्द को अपना समझता हो, उनकी भावनाओं को महसूस करता हो। जी हां ऐसे लोग भी इस स्वार्थ से भरी दुनियां में मौजूद हैं।  जो अपना कीमती समय इन बेजुबानों की सेवा में लगाते है। तो आपको परिचित करवाते हैं दिल्ली के मोतीलाल नेहरू कॉलेज के Enactus MLNC के तहत चल रहे प्रोजेक्ट DESI से। सच कहूँ से विशेष बातचीत में Enactus MLNC की प्रेजिडेंट राधिका चौहान ने बताया कि पशु कल्याण के लिए 2014 में एक प्रोजेक्ट DESI
(Duty To Empathize, Sterilize and Immunize) शुरू किया।

2014 में शुरू की गई  यह मुहिम पशु उत्थान के लिए मील का पत्थर साबित हुई। लोगों के सहयोग व टीम की कड़ी मेहनत से इस मुहिम के तहत बेजुबान कुत्तों का शोषण होने से बचाया जा रहा है। राधिका चौहान ने आगे बताया कि प्रोजेक्ट DESI का मूल सिद्धांत पशु कल्याण की दिशा में सभी पहलुओं पर गौर करना और उनके भोजन, आश्रय, बीमारी की रोकथाम और उपचार, तथा जानवरों की समग्र देखभाल करना है। इस मुहिम के तहत हम मानव-पशु संबंधों में सकारात्मक बदलाव लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

भारत 30 मिलियन से अधिक बेजुबानों का घर व बहुत बार होता है इनके साथ दुर्व्यवहार

राधिका चौहान ने बताया कि भारत में आवारा कुत्तों की एक बड़ी आबादी का घर है। एक अनुमान के अनुसार यह संख्या 30 मिलियन से अधिक है। बात करें तो आज भी देश का एक बड़ा वर्ग शिक्षित होने बावजूद भी जानवरों के साथ अमानवीय व्यवहार करता है। भारत जैसे धार्मिक देश में जहां एक तरफ पशुओं को सम्मान दिया जाता है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें गाड़ियों से कुचल दिया जाता हैं या कुछ क्षण के मनोरंजन के लिए विभिन्न तरीकों से अत्याचार किया जाता है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से, हमारी टीम आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी, रेबीज, कुत्तों में आक्रामकता सहित अन्य मुद्दों पर अंकुश लगाने का कार्य करते हैं।

दिल्ली के बाद अब अन्य शहरों में अभियान पकड़ने लगा जोर

राधिका चौहान ने बताया कि अब तक हमारी टीम की तरफ से दिल्ली के विभिन्न इलाकों में नियमित अभियान चलाकर 1200 से अधिक कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण सफलतापूर्वक करवाया जा चुका है। दिल्ली से बाहर अब तक हमारा यह प्रोजेक्ट मेरठ, मुजफ्फरनगर, मोदीनगर, गाजियाबाद और नोएडा फैल चुका है, जहां हमने 300 से अधिक कुत्तों का टीकाकरण और नसबंदी करवाई है। इस प्रोजेक्ट के तहत पशु कल्याण के बारे में लोगों को शिक्षा और जागरूकता की दिशा में भी प्रमुख रूप से काम करता है, क्योंकि हम मानते हैं कि ज्ञान और जागरूकता एक बड़े बदलाव की कुंजी है। हमने रेबीज, कुत्ते के काटने और समग्र मानव-पशु कल्याण जैसे गंभीर मुद्दों पर 1,20,000 से ज्यादा लोगों को जागरूक किया गया है। इन प्रयासों की कई संगठनों द्वारा प्रशंसा की गई है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित फंडिंग संगठन द पोलिनेशन प्रोजेक्ट से एक उदार अनुदान भी शामिल है।

150 बेघर कुत्तों को गोद लिया, 40 जानवरों की बचाई जान

राधिका चौहान ने बताया कि भोजन न मिलने कारण कई आवारा जानवर भूख से मर रहे हैं। प्रोजेक्ट DESI के सभी टीम सदस्य दैनिक आधार पर कम से कम 200 कुत्तों को भोजन खिलाने में मद्द कर रहे हैं। वहीं आपने अकसर देखा होगा कि झूठी अफवाहों के कारण जानवरों के साथ भी दुर्व्यवहार किया जा रहा है। जैसे कहा जा रहा है कि वायरस जानवरों के माध्यम से फैलता है। इस तरह की अफवाहों के कारण कई परिवारों ने अपने कुत्तों को बीच में ही छोड़ दिया। जानवरों को इस हद तक पीड़ित किया कि ये देखकर हम चुप नहीं रह सके। इसलिए हमने इस मुहिम की शुरूआत की और अब तक, 150 बेघर कुत्तों को गोद लिया है और 40 जानवरों को बचाया है।

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