जोश, जज्बा और जुनून, बनाया रिकॉर्डों का हुजूम

Vikas  Meerut

सफलताओं का सारा श्रेय पूज्य गुरू जी को समर्पित

मेरठ। मनमोहन इन्सां सच कहूँ न्यूज।
एक सच्चे मार्गदशक का सही मार्गदर्शन किसी की प्रतिभा को किसी प्रशंसा (Vikas) का मोहताज नहीं होने देता और न ही किसी अप्रिय घटना से उसकी प्रतिभा को कम होने देता है। इसी के साथ जिन्दगी में कुछ कर गुजरने के लिए किसी काम के प्रति जोश, जज्बा और जुनून का होना भी अति आवश्यक है। यही सब आपको सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाने में मददगार साबित होते हैं। यह सिद्ध किया उत्तर प्रदेश के करनावल कस्बा निवासी 38 वर्षीय विकास स्वामी ने। बाइक पर एक्सीडेंट होने के बाद शरीर से लाचार हुए विकास ने पूज्य संत डॉ0 गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन पे्ररणा अनुसार अपना हौसला कभी कम नहीं होने दिया और पूज्य गुरू जी के उचित मार्गदर्शन से सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ता गया।

आइये जानते हैं सफलता की कहानी विकास की जुबानी | Vikas

मैं विकास स्वामी 38 वर्ष का हूँ। मैं पहले स्कूल बस चलाता था। वर्ष 2010 में मेरा बाइक पर एक्सीडेंट हो गया था, जिससे मेरे शरीर पर काफी गंभीर चोटें आई थी और काफी समय तक शरीर से लाचार होकर चारपाई पर रहा। साथ ही शरीर में कुछ रोग उत्पन्न हो गए। आर्थिक स्थिति भी इतनी मजबूत नहीं थी कि हम बड़े डॉक्टर को दिखा सकें। अपने स्तर के डॉक्टरों के भरपूर प्रयास के बावजूद भी ठीक नहीं हो पाया।

एक दिन मेरे छोटे भाई सुधीर स्वामी जोकि पंजाब मानसा में डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ है, ने पूज्य गुरू जी द्वारा सुझाए गए योगा टिप्स के बारे में बताया जिनसे प्रेरित होकर मैंने 2012 में योग चुना और मैं योगाभ्यास करने लगा जिससे मुझे थोड़ी राहत मिली। इससे मेरा हौंसला और बढ़ गया और मैं हर रोज योगाभ्यास करने लगा। धीरे-धीरे मुझमे जोश जागने लगा और योगा के प्रति मेरा जुनून भी बढ़ता चला गया। ऐसे ही दिन, महीने, साल गुजरते गए। फिर 2019 में मैंने सतवाई स्वामी विवेकानंद स्कूल में लगभग 5 महीने एडवांस योगा ट्रेनर की नौकरी की लेकिन बदकिस्मती से लोक डाउन लग गया और मेरी नौकरी छूट गई। आमदनी का कोई स्रोत नहीं रहा। बावजूद इसके मैंने अभ्यास जारी रखा और हैंड स्टैंड पोजीशन में वेट उठाने का अभ्यास और बढ़ा दिया।

इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया

वर्ष 2021 में मैंने हैंड स्टैंड पोजीशन में अपने दांतों द्वारा 80 किलो वजन उठाकर इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। उसके ठीक 40 दिन बाद 83 किलो वजन हेंडस्टैंड पोजीशन में दांतों से उठाकर एशिया बुक आॅफ रिकॉर्ड में अपने नाम दर्ज करवाया। फिर तो सीढ़ी दर सीढ़ी सफलता की बुलंदियों पर चढ़ता गया। विकास ने बताया कि उसने मेरठ में 2022 में स्टेट योगा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल हासिल किया।

अभी हाल ही में 3 अप्रैल 2023 को योगा बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हैंड स्टैंड पोजीशन में अपने दांतों द्वारा 121 किलोग्राम वजन उठाकर यह रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। विकास ने बताया कि पूज्य गुरु जी की कृपा से उसने अपना अभ्यास निरंतर जारी रखा। इसी दौरान कई जगह उसने एडवांस योगा प्रोग्राम भी किए और साथ ही अपने बच्चों की भी तैयारी कराता रहा। उसने बताया कि आज पूज्य गुरू जी की पावन प्रेरणा से उसके दोनों बच्चों के नाम भी चार रिकॉर्ड दर्ज हैं।

उसने बताया कि हम तीनों पिता-पुत्रों ने 27 जनवरी 2023 में डेरा सच्चा सौदा बरनावा में पूज्य गुरू जी की हजूरी में वेट उठाने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था जिसमें उसने हैंड स्टैंड पोजीशन में अपने दांतों द्वारा 101 किलो वजन उठाया था। ऐसे ही उसके बड़े बेटे आदित्य स्वामी ने 51 किलोग्राम व छोटे बेटे अनमोल स्वामी ने 21 किलोग्राम वजन उठाकर पूज्य गुरू जी की कृपा दृष्टि का पात्र बना था। विकास ने बताया कि 8 जनवरी 2023 को हमने अपने कस्बे करनावल में भी अपनी योग कला का प्रदर्शन किया था, जहा गांव के लोगों ने उन्हें सम्मानित किया था। उसने इन सब सफलताओं का सारा श्रेय पूज्य गुरू जी को समर्पित किया।

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