प्रभु की याद में निकले आंसुओं से धुल जाते हैं पाप कर्म: पूज्य गुरु जी

चंडीगढ़ (एमके शायना)। यह भयानक कलयुग का समय चल रहा है। इन्सान परमात्मा के नाम से कोसों दूर मारा मारा फिर रहा है। आज का इन्सान पैसे औलाद और जमीन जायदाद में ही उलझा हुआ है। एक समय होता था जब बचपन से ही बच्चों के अंदर भक्ति भाव का बीज बोया जाता था। पर आजकल तो बच्चे के पैदा होने से पहले ही मां-बाप सोचना शुरू कर देते हैं कि यह नोट छापने वाली मशीन बनेगा यह डॉक्टर बनेगा इंजीनियर बनेगा वह भूल जाते हैं कि वह सबसे पहले एक अच्छा इन्सान बनेगा। संस्कारों की कमी के कारण लोग भगवान का नाम नहीं लेते और दुख दर्द में जीते रहते हैं। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इंसान छोटी छोटी चीजों के लिए रोता रहता है कि मुझे गाड़ी चाहिए औलाद चाहिए बंगला चाहिए नौकर चाहिए। वह प्रभु के प्रेम से कोसों दूर है। प्रभु के लिए रोना बहुत बड़ी बात है और वह भाग्यशाली जीव ही होते हैं जिनको ऐसा इश्क लग जाता है।

प्रभु के प्रेम को भक्तिभाव से ही एहसास किया जा सकता है। एक सत्संग में पूज्य पिताजी ने फरमाया कि, “चंद रुपए के लिए, औलाद के लिए, जमीन जायदाद के लिए लोग रोते देखे हैं। पर जब सतगुरु मौला वाहेगुरु अल्लाह राम के लिए आंखों से आंसू आते हैं तो वह आंसू तमाम दुख दर्द चिंताओं को धो डालते हैं। पर यह आंसुओं का आना कोई मामूली बात नहीं होती। जिनके दिलों दिमाग में वह चोट लगी है मालिक के इश्क की, उसके प्यार मोहब्बत की, उनके अंदर ही यह सब कुछ संभव है। जो इस इश्क के बारे में जानते नहीं, जिनको इसका मालूम नहीं, उन्हें नहीं पता कि मालिक का इश्क क्या चीज होता है। इश्क अंदर जलवे दिखाता है , इश्क इंसान को बाहर से पाक पवित्र बना देता है”।

डेरा सच्चा सौदा के अनुयाई पूज्य गुरु जी के मार्गदर्शन में नियमित रूप से भगवान के नाम का जाप और मानवता भलाई के कार्य करते रहते हैं। पूज्य गुरु जी के वचनों अनुसार परमात्मा को खुश करने का तरीका प्रभु का नाम सिमरन और उसकी सृष्टि की सार संभाल करना ही है। पूज्य गुरु जी के पावन अनमोल वचनों को सुनने के लिए पूज्य गुरु जी के यूट्यूब और इंस्टाग्राम पेज और डेरा सच्चा सौदा के आॅफिशियल पेज इंस्टाग्राम और यूट्यूब को फॉलो करें और अपनी जिंदगी को खुशनुमा बनाएं।

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