बिना दहेज शादी बनी मिसाल

Marriage Without Dowry sachkahoon

तोशाम (सच कहूँ न्यूज)। सिकंदरपुर से दुल्हेडी में रमेश कुमार की बेटी सुनीता के साथ अपने बेटे दीपक की शादी करने आए पूर्व सरपंच डॉ. दले सिंह ने शादी में दहेज (Marriage Without Dowry) लेने से इनकार कर दिया और नारियल व एक रूपए में ही शादी की। उनके इस फैसले की पूरे गांव में सराहना की जा रही है।

डॉ. दले सिंह ने बताया कि वह अपने बेटे की शादी करने के लिए गाँव दूल्हेडी में आए थे। लड़के के ससुराल जनों ने जब फर्नीचर सहित अन्य सामान देने की बात कहीं तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि एक माता-पिता अपनी बेटी को दान करने के बाद कोई दान दहेज शेष नहीं रहता।

उन्होंने कहा कि युवाओं को दहेज (Marriage Without Dowry) रूपी इस सामाजिक बुराई का विरोध करना चाहिए। दुल्हन ही दहेज होता है। ऐसी धारणा बनाते हुए समाज को तरक्की की तरफ ले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी पुत्रवधू सुनीता ही उनके लिए दहेज हैं।

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