फेसबुक की निष्पक्षता

Favoritism of Facebook
सोशल मीडिया के सबसे बड़े स्तंभ फेसबुक की निष्पक्षता पर अमेरिकी समाचार पत्र वॉल स्ट्रीट ने सवाल खड़े किये हैं। समाचार पत्र का दावा है कि फेसबुक ने भारतीय नेताओं के नफरत फैलाने वाले बयान नहीं हटाए। समाचार पत्र ने इस संबंधी तेलंगाना के एक भाजपा नेता का हवाला भी दिया है। दरअसल फेसबुक के पॉलिसी मेकर यह दावा करते रहे हैं कि वह हर ऐसी पोस्ट को हटा देंगे जो समाज के हित में नहीं है। इससे पहले फेसबुक ने कई बार विवादित पोस्टों हटाई भी हैं और कई पोस्टों के न हटाने के कारण उसे अलोचना का सामना भी करना पड़ा है। फेसबुक ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के उस बयान को नहीं हटाया था जिसमें ट्रम्प ने प्रदर्शनकारियों को गोली मारने की चेतावनी दी थी। अपनी इस कमजोरी का फेसबुक को वित्तीय नुक्सान भी हुआ है। फेसबुक अधिकारी अपनी तकनीकी योग्यता का भी दावा करते हैं कि उनके पास अलकायदा और अन्य आतंकवादी संगठनों की सामग्री को पहचानने वाला सॉफ्टवेयर है जहां तक फेसबुक की अमेरिका से सबंधित पोस्टों का सवाल है वहां समाज बहुत वर्गों में बंटा हुआ नहीं, वहां गोरे और काले का मामला है।
दूसरी तरफ जहां तक भारत का सम्बन्ध है हमारे समाज की बनावट बहुत पेचीदा है यहां राजनीतिक दीवारों से लेकर संप्रदाय, जाति, भाषा की इतनी ज्यादा दीवारें हैं कि एक छोटी सी अफवाह से पूरे समाज को खतरा हो जाता है। इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाने की आवश्यकता जितनी हमारे देश में पड़ती है उससे कहीं ज्यादा शायद ही किसी अन्य देश में पड़ती होगी। जब कोई समाज में बुरी घटना घटती है तब सरकारों का पहला काम इन्टरनेट सेवाएं ठप्प करना होता है। सरकारों की भी मजबूरी है कि हालात बिगड़ने से पहले ही इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी जाती है। यहां फेसबुक प्रबंधकों को अमेरिका, रूस जैसे देशों और भारत जैसे देश में अंतर करने की आवश्यकता है। प्रत्येक देश की ऐतिहासिक सामाजिक स्थितियां अलग-अलग हैं। यदि फेसबुक संस्था वास्तव में विश्व में अमन-शांति के लिए गंभीर है तब उन्हें निष्पक्षता को कायम रखने व सावधान रहकर काम करने की आवश्यकता है।
दरअसल सोशल मीडिया बहुत विशाल और स्वतंत्र है, जो प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात कहने का अवसर देता है। शासन-प्रशासन और समाज की कमजोरियां कई बार फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया ने उठाई हैं, जिससे सुधार भी हुआ है लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू निराशाजनक भी है। सोशल मीडिया का दुरुपयोग भी बड़े स्तर पर हो रहा है। शरारती और समाज विरोधी तत्व समाज का माहौल बिगाड़ने के लिए इस प्लेटफार्म का प्रयोग कर रहे हैं। फेसबुक पर सवाल तो पहले ही उठ रहे थे लेकिन अब भारत में दो पार्टियों की राजनीतिक जंग भी फेसबुक के मुद्दे पर छिड़ गई है। फेसबुक को इस मामले में अपनी जिम्मेदारी दृढ़ता से निभानी चाहिए ताकि अभिव्यक्ति का माध्यम सोशल मीडिया किसी देश के लिए खतरा न बने।

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