किसान यूनियनों की हरियाणा सरकार से वार्ता विफल

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 9 अगस्त को करनाल से ‘सत्ता छोड़ो या कर्ज़ा छोड़ो’ आंदोलन होगा शुरू

  •  किसानों की मांगों पर विचार कर रही है सरकार: धनखड़

चंडीगढ़(अनिल कक्कड़)। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान नेताओं ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू व अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री से मुलाकात की। कई घंटे चली वार्ता विफल रही जिसके बाद मुख्यमंत्री निवास से बाहर किसानों ने 9 अगस्त को करनाल से ‘सत्ता छोड़ो या कर्ज़ा छोड़ो’ आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है।

वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि किसानों की कई मांगें हैं जिन पर सरकार विचार कर रही है, वहीं उन्होंने जोड़ा कि एक बार में बिना विचार किए सभी बातें तय नहीं हो सकती। मुख्यमंत्री निवास पर मीटिंग के बाद किसान नेता रतन मान ने कहा कि बैठक नकारात्मक रही। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दे पर गंभीर नज़र नहीं आ रही। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार चुनावों के दौरान किए वायदे भूल गई है। मान ने कहा कि अभी सरकार किसानों की मांगों से ही पूरी तरह वाकिफ नहीं है।

यूपी, पंजाब की तर्ज पर हो कर्जा माफी

मान ने कहा कि अब केंद्र में भी भाजपा की सरकार और प्रदेश में भी तो सरकार को तुरंत उत्तर प्रदेश एवं पंजाब की तरह फैसला लेकर किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए। कृषि उपकरण, खाद, बीज इत्यादि महंगे होते जा रहे हैं किसान की फसल लागत तक नहीं निकल रही। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन 9 अगस्त से करनाल में ‘सत्ता छोड़ो या कर्ज़ छोड़ो आंदोलन’ शुरू करेगी।

किसानों की मांगों पर विचार कर रही है सरकार: धनखड़

कृषि मंत्री धनखड़ ने कहा कि हरियाणा के किसानों की स्थिति पंजाब एवं उत्तर प्रदेश के किसानों से काफी अलग है। यहां किसान को सरकार हर सहायता मुहैया करवा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की कई मांगें हैं, जिस पर सरकार विचार कर रही है।

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