ट्यूबवेलों की सिंचाई हो रही नाकाफी साबित
ओढा(सच कहूँ/राजू)। पिछले कुछ दिनों से तन झुलसा देने वाली गर्मी व लू ने आमजन को बेहाल कर रखा है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 2 दिनों तक लू का प्रकोप जारी रहने की चेतावनी दी गई है। हरियाणा के उत्तरी हिस्से में येलो एवं बाकी जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इस भीषण ने सबसे ज्यादा किसानों को सांसत में डाल रखा है। किसान नरमें की फसल को बचाने के लिए खेतों में जद्दोजहद कर रहे हैं। स्थिति ये है कि नहरोंं में बंदी के चलते किसान पूरी तरह से ट्यूबवेलों पर आश्रित होकर रह गए हैंं। भीषण गर्मी का प्रकोप इस कदर देखा जा रहा है कि ट्यूबवेलों के पानी की सिंचाई मात्र 2-3 दिन ही चलती है। दूसरा लोड बढ़ने के चलते विद्युत व्यवस्था भी किसानों के लिए कोढ़ में खाज का काम कर रही है। की गई बिजाई खत्म हो रही है और दूसरा भूमि में नया बीज डालकर दोबारा सिंचाई कर जद्दोजहद की जा रही है। फसल को बचाने के लिए किसान पुराने देसी नुस्खे अपना रहे हैं। नुहियांवाली के किसान चेतराम दादरवाल, डॉ. जगदीश सहारण, देवीलाल सुथार, रविंदर वर्मा, जसराज सहारण व परमवीर वर्मा ने बताया कि खेतों में स्थिति काफी विकट हो गई है।
न ही तो ट्यूबवेल मिल रहे और न ही नहरों में पानी। उन्होंने बताया कि झुलसती फसल को देखकर खेत में जाने का भी मन नहीं करता। अगर मौसम में बदलाव नहीं हुआ तो स्थिति और भी विकट हो जाएगी। किसान चेतराम ने बताया कि उन्होंने ठेके पर भूमि लेकर काश्त कर रखी है। उन्होंने गर्मी व लू के डर से नरमें की अगैती बिजाई की थी, लेकिन फिर भी फसल लू की भेंट चढ़ रही है। उन्होंने 3 एकड़ भूमि में नरमें की दोबारा बिजाई की है, लेकिन फिर भी कामयाबी मिलती नजर नहीं आ रही। फसल को बचाने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अब तो ईश्वर के हाथ ही डोर है। उन्होंने बताया कि फसल को कामयाब करने के लिए देसी नुस्खा अपना रहे हैं। प्लास्टिक के लिफाफों में मिट्टी भरकर उनमें बीज डालकर अंकुरित किए जा रहे हैं, ताकि जले हुए पौधों की जगह उन्हेंं पुन: रोपित किया जा सके। इस कार्य में घर के सभी सदस्य लगे हुए हैं।
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