महापंचायत में हरियाणा सहित राज्यों से उमड़े किसान, वार्ता विफल, करनाल में तनाव

Karnal

लघु सचिवालय पहुंचे किसानों पर पुलिस ने छोड़ी पानी की बौछारें

  • एसडीएम पर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े रहे किसान नेता

करनाल (सच कहूँ/यशविन्द्र)। करनाल में जिला मुख्यालय तक विरोध मार्च की अनुमति को लेकर किसानों और अधिकारियों के बीच बातचीत विफल हो गई। इसके बाद किसान नेताओं ने लघु सचिवालय की तरफ कूच का ऐलान कर दिया। किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्विट करते हुए कहा कि करनाल में सरकार किसानों की बातें सुन नहीं रही है। उन्होंने कहा कि या तो खट्टर सरकार मांगें माने या हमें गिरफ्तार करे। हम हरियाणा की जेलें भरने को भी तैयार हैं। वहीं इस बीच खबर आई लघु सचिवालय की ओर बढ़ते हुए नमस्ते चौक पर किसान राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी सहित अन्य को हिरासत में ले लिया गया है, लेकिन कुछ ही देर बाद छोड़ दिया गया।

इस दौरान भारी संख्या में किसान बेरिकेड पार करते हुए लघु सचिवालय पहुंच गए, जहां पुलिस और सुरक्षाबलों ने किसानों को रोकने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। समाचार लिखे तक स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी और किसान लघु सचिवालय के बाहर धरने पर डट गए थे। ये खबर फैलते ही किसानों ने कैथल-चंडीगढ़ मार्ग, चंडीगढ़-जींद हाइवे, कंडेला, नगुरां, अलेवा सहित कई स्थानों पर रोड जाम कर दिए।

इससे पहले 28 अगस्त को बस्ताडा टोल प्लाजा पर किसानों के ऊपर लाठीचार्ज के विरोध में किसान अनाज मंडी में इकट्ठे हुए। महांपचायत के बीच में ही प्रशासन ने 11 किसान नेताओं की कमेटी को बातचीत करने के लिए जिला लघु सचिवालय में बुलाया था। इस कमेटी में किसान नेता राकेश टिकैत, जोगेंद्र उग्राहा, विकास सीसर, दर्शनपाल, गुरनाम सिंह चढुनी, राजेवाल, दल्लेवाल, रामपाल चहल, इंद्रजीत कामरेड आदि शामिल थे। किसान नेता किसानों का सिर फोड़ने के आदेश देने वाले तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा को सस्पेंड कर कार्रवाई की मांग पर अडिग रहे। अफसरों ने इस बात को मानने से इंकार कर दिया। उसके बाद किसान नेता उठकर बाहर आ गए और प्रदर्शनकारियों ने मंच पर जाने से पहले आपस में मीटिंग की। घेराव का फैसला लेने के बाद मंच से इसका ऐलान किया गया। इधर वार्ता विफल होने के बाद प्रशासन भी अलर्ट हो गया।

Kisan

किसानों की ये थी मांग

एसडीएम आयुष सिन्हा व डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई और मृतक किसान सुशील काजल के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा व एक सदस्य को नौकरी तथा घायल किसानों को 2-2 लाख रुपये मुआवजा देने की थी मांग।

आज दिखा देंगे हम कितने अनुशासन प्रिय

संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े एक नेता ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि अनुशासन किसी भी सूरत में भंग नहीं होना चाहिए। ये तो सरकार की मंशा है कि अनुशासन भंग हो और आंदोलन को भी भंग कर दिया जाए, लेकिन किसान ऐसा नहीं होने देगा। आज दिखा देंगे किसान अनुशासन प्रिय, न्याय प्रिय और एकता शक्ति वाला है।

जो हथियार लेकर आए हमारे दुश्मन : चढूनी

किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि सूचना मिली है कि हमारे बीच कुछ लोग हथियार लेकर आए हैं। ये गलत है। अगर ऐसा है तो तुंरत उनकी पहचान करके उनको मंच पर लाया जाए। जो हथियार लेकर आए हैं। वो हमारे दुश्मन हैं। हमें वार नहीं करना है, शांतिपूर्ण ढ़ंग से बात रखनी है। वहीं प्रशासन ने बयान जारी किया कि किसान पंचायत में लाठी, जेली, लोहे की राड आदि से लैस कुछ तत्व रंभा से, कुछ निसिंग से और कुछ अन्य स्थानों से अनाज मंडी पहुंचे हैं। वे कोई अप्रिय घटना कर सकते हैं।

किसानों के भारी जमावड़े को देखते हुए प्रशासन ने संयुक्त किसान मोर्चा को वार्ता के लिए बुलाया। इसके बाद राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी की 11 सदस्यीय कमेटी करनाल लघु सचिवालय पहुंची। वहीं, किसान नेताओं के पहुंचने पर लघु सचिवालय की किलेबंदी कर दी गई। सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। बिल्डिंंग की तरफ आने जाने वाले रास्तों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वहीं 11 सदस्यीय समिति के साथ में करीब सौ किसान लघु सचिवालय में वार्ता कर रही है। इससे पहले तमाम आशंकाओं से भरी सोमवार की रात जहां किसान नेताओं की तैयारियों में गुजरी। वहीं पुलिस भी मोर्चाबंदी में लगी रही।

कमेटी में ये सदस्य हैं शामिल

किसान संयुक्त मोर्चा की ओर से राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, डा. दर्शनपाल, राम पाल चहल, अजय राणा, सुखविंद्र सिंह, विकास सिसर, कामरेड इंद्रजीत सिंह, सुरेश गोत व एक अन्य सदस्य को कमेटी में शामिल किया गया है, जो प्रशासन से बातचीत कर रही है।

किसानों की ये है मांग

करनाल के बस्ताड़ा टोल पर पुलिस लाठीचार्ज के चलते शहीद हुए किसान के बेटे के लिए 25 लाख का मुआवजा, सरकारी नौकरी की मांग रखी है। इसके अलावा घायल किसानों को 2-2 लाख रुपये देने की मांग की। लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो

किसानों को आंदोलन की जरूरत नहीं : कृषि मंत्री

इस बीच हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि अगर किसान शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते हैं तो किसी को कोई दिक्कत नहीं है। आंदोलन की जरूरत नहीं है क्योंकि 3 कृषि कानून अभी लागू ही नहीं हैं।

भारी पुलिस बल तैनात

करनाल के बलड़ी बाइपास, अग्रसेन चौक, अंबेडकर चौक, बस स्टैंड, नमस्ते चौक, आइटीआई चौक, सेक्टर-6 चौक, हांसी रोड, चिढ़ाव मोड, काछवा रोड स्थित पिंगली चौक के पास पुलिस का पहरा है।

आधी रात को अनाज मंडी की सील

इससे पहले आधी रात तक नई अनाज मंडी से सटे सेक्टर-3 स्थित औद्योगिक क्षेत्र को कंटीले तार और बांसों से सील कर दिया गया ताकि अनाज मंडी से किसी भी तरफ से किसान निकल न पाएं। रात 12:30 बजे तक औद्योगिक क्षेत्र के सात गेट सील किए जा चुके थे। पुलिस को आशंका है कि किसान माहौल बिगड़ने पर अनाज मंडी से औद्योगिक क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों, श्रमिकों का अमला सीलिंग की कार्रवाई में जुटा रहा।

जीटी रोड से जुडे रास्तों पर लगाए बैरिकेड

मध्य रात्रि करीब एक बजे पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया अपनी फोर्स के साथ जीटी रोड स्थित गुरु ब्रह्मानंद चौक पर इंतजामों का जायजा लेते दिखाई दिए। शहर से जिन रास्तों से जीटी रोड पर चढ़ा जा सकता है, उन सभी बिंदुओं पर बड़ी संख्या में बैरिकेड रख दिए गए थे, ताकि सुबह मोर्चा संभाला जा सके।

पाँच जिलों में इंटरनेट बंद

करनाल में किसानों की महापंचायत में उपद्रव की आशंका को देखते हुए सरकार ने कुरुक्षेत्र, जींद, पानीपत और कैथल में भी सात सितंबर रात 11: 59 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है। सीआईडी के एडीजीपी ने सरकार को बताया है कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान करनाल व आसपास के जिलों में स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है।

परीक्षाएं स्थगित

वहीं, किसान महापंचायत की वजह से बंद किए गए कई जिलों में इंटरनेट के चलते कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की आज होने वाली परीक्षा को भी टाल दिया गया है। यह परीक्षा अब 28 सितंबर को होगी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति सोमनाथ सचदेवा ने यह जानकारी दी। वहीं, विश्वविद्यालय के लोक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर ने बताया कि हरियाणा के कुछ हिस्सों में इंटरनेट बाधित होने के कारण 7 सितम्बर को होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।

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