प्रगतिशील किसान हीरा भुल्लर के कृषि फार्म पर पंजाब से पहुंची मशीन
पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने किया मशीन का शुभारंभ
सच कहूँ-देवेन्द्र शर्मा
सफीदों। उपमंडल के बहादुरपुर गांव के किसान हाथों की बजाए अब मशीन से धान की रोपाई करेंगे। महेंद्रा एण्ड महेंद्रा कंपनी द्वारा यह धान रोपाई की मशीन पंजाब से बहादुरपुर गांव के प्रगतिशील किसान हीरा भुल्लर के कृषि फार्म पर पहुंची है। इस मशीन को लेकर क्षेत्र के किसानों में भारी उत्सुकता है। बुधवार को राईस ट्रांसप्लांटर नामक इस मशीन का हीरा कृषि फार्म पर डेमो किया गया और डेमो को देखने के लिए भारी संख्या में क्षेत्र के किसान पहुंचे। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यातिथि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य रहे। किसान हीरा भुल्लर ने मुख्यातिथि बचन सिंह आर्य, कंपनी के अधिकारियों व क्षेत्र के किसानों का स्वागत किया। कंपनी के अधिकारी पंजाब सिंह, कोमलदीप सिंह व निर्मल सिंह ने किसानों को मशीन की खुबियों के बारे में बताया। अपने संबोधन में मुख्यातिथि बचन सिंह आर्य ने कहा कि आज के दौर में कृषि में नित नए परिवर्तन आ रहे हैं और किसानों को भी पुरातन कृषि पद्धति से हटकर नवीनतम कृषि पद्धति का अपनाना चाहिए। कृषि में एक से एक नई तकनीक विकसित हुई है। अगर किसान नई तकनीकें अपनाकर कृषि कार्य करता है तो जो कृषि आज जो घाटे का सौदा है, वहीं कृषि फायदे का सौदा साबित होगी। इस मौके पर गांव के सरपंच संदीप सिंह, पूर्व सरपंच जसवंत सिंह, हरजीत सिंह, लखविंद्र सिंह, महल सिंह, पंजाब सिंह, प्रगट सिंह, गुरबाज सिंह, अवतार सिंह, जगदीश सिंह, हरभजन सिंह, लखविंद्र सिंह, सुनील कुमार, राजू, जग्गा सिंह, उदय सिंह, महाबीर सिंह, प्रताप सिंह, जगदीप सिंह, सोनू कुमार, सतीश कुमार, मनदीप सिंह, प्रिंस कुमार सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।
कैसे करेगी मशीन काम?
इस मशीन का स्वरूप टैक्टर नुमा बहुत छोटा बनाया गया है। टैक्टरनुमा इस मशीन के ऊपर किसान को पनीरी सीधी रखनी है। आमतौर पर किसान सीधा खेत में पनीरी के लिए धान की बिजाई करता है लेकिन इसके लिए थोड़ा सा अलग यह करना है कि खेत में पोलोथीन बिछाकर और पर मिट्टी डालकर पनीरी के लिए धान की बिजाई करनी है। सीधी धरती में पनीरी की बिजाई करने से धरती के अंदर जो खरपतवार होते हैं, वे पनीरी के अंदर आ जाते हैं। पनीरी की रोपाई करने के बाद बढ़ती धान की फसल में ये खतपतवार भी साथ-साथ बढ़ने लगते हैं लेकिन पोलोथीन के ऊपर मिट्टी डालकर पनीरी तैयार करने में धरती के खतरपतवार पनीरी में नहीं आते और इससे फसल भी पैदावार में काफी बढ़ौतरी होती है।
किसानों को धान रोपाई मजदूर मिलने हुए मुश्किल
धान के रोपाई के सीजन के चलते किसानों को मजदूर मिलने बहुत मुश्किल हो रहे हैं। बता दें कि धान रोपाई का लगभग कार्य प्रवासी मजदूर ही करते हैं और हर वर्ष प्रवासी मजदूरों के आने की संख्या निरंतर कम हो रही है। मजदूरों को लेने के लिए किसानों में मारधाड़ मची हुई है। किसानों दूसरे प्रदेशों से आने वाली बसों व रेलों के समय पर बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन पर पहुंचे जाते हैं। कंपनी के मैनेजर पंजाब सिंह ने बताया कि यह मशीन एक एकड धान की रोपाई में केवल 2 लीटर पैट्रोल खर्च करेगी, जबकि एक एकड़ धान की रोपाई के लिए मजदूर 2500 से 3000 हजार रूपए लेतें है। इस मशीन के द्वारा खर्चा कम और फायदा ज्यादा होगा और समय की भी बचत होगी।
सरकार की ओर से मिलेगी सब्सिडी
कंपनी के मैनेजर पंजाब सिंह ने बताया कि किसानों के लिए राईस ट्रांसप्लांटर मशीन खरीदना कोई महंगा नहीं है। इस मशीन की कीमत सवा दो लाख रूपए है और इसमें से करीब एक लाख रूपए सरकार की ओर से सब्सीडी मिलती है। जिस किसान के पास ज्यादा जमीन है, वह केवल एक सीजन में ही मशीन की कीमत पूरी कर सकता है। उन्होंने बताया कि पंजाब के अंदर तो यह मशीन काफी तादाद में काम कर रही है और
अब हरियाणा में भी इसकी शुरूआत हो चुकी है।