किसान अनुशासित ढंग से डटे रहेंगे आंदोलन पर: गुरनाम चढूनी

Farmer Protest

सरकार सड़कों पर नुकीले लोहे लगा दें और चाहे टैंक खड़े करें

भूना (सच कहूँ न्यूज)। शास्त्री मंडी भूना में शनिवार को सर्व जातीय किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। उन्होंने जोश भरे लफ्जों में कहा कि सरकार सड़कों पर नुकीले लोहे लगा दें और चाहे टैंक खड़े करें। किसान अनुशासित ढंग से अपनी मांग पर डटे रहेंगे। महापंचायत में कई गांवों से सैकड़ों लोगों ने पहुंचकर चढूनी का भव्य स्वागत किया। महापंचायत में उमड़े जनसैलाब को देखकर किसान नेता गदगद नजर आए।

हालांकि मुख्य स्टेज पर राजनीतिक दलों के नेताओं की एंट्री नहीं होने दी। जिसके चलते पूर्व संसदीय सचिव चौधरी प्रह्लाद सिंह गिलाखेड़ा व पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया आम जनता के बीच पत्रकारों के लिए लगाई गई कुर्सियों पर बैठे हुए नजर आए और उन्हें चढूनी की मौजूदगी में बोलने का वक्त तक नहीं दिया गया। इस मौके पर ग्रुप के जिलाध्यक्ष जगदीश पारता, जिला संयोजक मांगेराम महेडा हसंगा, राजेश खलेरी, हरजीत सिंह मल्ली, गुरदीप सिंह भट्टी, सुखदेव सिंह सुखा, बलजीत सिंह, पूर्व कैप्टन रामकिशन भगासरा, सरदार समरजीत सिंह, गोल्डी मल्ली, परमजीत कैरो, कामरेड रामस्वरूप ढाणी गोपाल, हंसराज सिवाच गोरखपुर, गुरनाम सिंह, बलवान सिंह आदि मौजूद थे।

सरकार की कथनी और करनी में फर्क

भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों के बीच आकर 26 जनवरी के मामले को खुलकर किसानों के सामने पक्ष रखा। उन्होंने कहां की वे सभी लोग सरकार के ही थे। ऐसा किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की नीयत से किया गया और यह सुनियोजित था। चढ़ूनी ने कहा कि जमीन और फसल को बचाया जाएगा। वे किसी भी तरह का जुल्म सहन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि टिकैत के आंसू ही नहीं किसान अपने हक के लिए अपना खून तक बहा देने को तैयार है। उन्होंने प्रधानमंत्री के एक काल की दूरी के सवाल पर कहा कि हमारे पास तो सरकार का नंबर तक नहीं है। सरकार बातचीत के लिए बुला नहीं रही है। ऐसे में सरकार की कथनी और करनी का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

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