ऑनलाइन ‘गीता’ से संबंधित प्रश्नों का जबाव दो और जीतो इनाम, ऐसे लें सकते हैं आप भी हिस्सा
गीता महोत्सव: प्रश्नमाला प्रतियोगिता में देश-विदेश के लाखों लोग लेंगे भाग
1 से 18 नवंबर तक चलेगी आनलाइन प्रतियोगिता
आनलाइन प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कुरुक्षेत्र प्रशासन वेबसाइट पर करना होगा लिंक
एनआईसी अधिकारी विनोद सिंगला संभालेंगे ...
भारत की एकता और अखंडता का हो उद्घोष!
26 अक्टूबर, 2022 को जम्मू-कश्मीर रियासत के भारतीय अधिराज्य में अधिमिलन के 75 वर्ष पूरे हुए। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन जम्मू-कश्मीर रियासत के भारतीय संघ में अधिमिलन के सम्बन्ध में तथाकथित इतिहासकारों और लेफ्ट-लिबरल बुद्धिजीवियों द्वारा तथ्यों और ऐतिहास...
प्रसन्नता का कौशल | motivation
प्रसन्नता को लेकर दुनिया भर में कई प्रकार के द्वंद एवं अंतर्द्वंद है। भिन्न-भिन्न प्रकार के विचार और मत प्रसन्नता को लेकर हैं। इस गंभीर चिंतन का विषय है कि बहुत सारे लोग प्रकृति के नियमों की अज्ञानता के चलते ऐसा मानते हैं कि जब खुश होंगे तब कुछ सार्थ...
गुजरात में देश के सरदार वल्लभ का जन्म
वल्लभ भाई पटेल को भारत का लौह पुरुष भी कहते हैं और सरदार भी। 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में उनका जन्म हुआ था और उन्होंने अंतिम सांस 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में ली। सरदार पटेल का जन्म किसान परिवार में हुआ, लेकिन उन्हें कूटनीतिक क्षमताओं के...
102 साल का हुआ जामिया मिल्लिया इस्लामिया
दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया (राष्ट्रीय इस्लामी विश्वविद्यालय) एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी है, जो आज 102 साल पूरे कर रही है। 29 अक्टूबर 1920 को अलीगढ़ में छोटी संस्था के तौर पर शुरू होकर एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनने तक की इसकी कहानी कई संघर्षों से भ...
जब अंग्रेज महिला भारत की आजादी के लिए लड़ी
भारत से लगाव रखने वाली एनी बेसेंट का जन्म एक अक्टूबर 1847 को लंदन में हुआ था। पति से अलग होने के पश्चात एनी ने न केवल लंबे समय से चली आ रही धार्मिक मान्यताओं बल्कि पारंपरिक सोच पर भी सवाल उठाने शुरू किए। बल्कि उन्होंने चर्च पर हमला करते हुए उसके काम ...
पहिये का अविष्कार
आज से 5 हजार और 100वर्ष पूर्व महाभारत का युद्ध हुआ जिसमें रथों के (pahiye ka avishkar) उपयोग का वर्णन है। जरा सोचिये पहिये नहीं होते तो क्या रथ चल पाता? इससे सिद्ध होता है कि पहिये का अविष्कार 5 हजार वर्ष पूर्व ही हो गया था। पहिये का अविष्कार मानव व...
डॉलर बनाम रुपया | Dollar vs Rupee
अभी कुछ दिन पहले अमेरिका में वित्त मंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि (dollar vs rupee ) भारत का रुपया गिर रहा है, बोलने की जगह सही तथ्य है कि डॉलर मजबूत हो रहा है। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनके इस बयान पर ट्रोल की बाढ़ आ गई। डॉलर मजबूत या रुपया कम...
अलाउद्दीन खिलजी ने आज के दिन संभाली थी दिल्ली की गद्दी | Alauddin Khilji
21 अक्टूबर यानी आज के दिन सन् 1296 में मुगल शासक अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji ) ने दिल्ली की गद्दी संभाली थी। अलाउद्दीन दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश के दूसरे शासक थे और उन्होंने अपना शासन दक्षिण भारत के मदुरै तक फैला दिया था। कहा जाता है कि उनके बा...
आपके नूर की फिर हुई बरसात, प्रेमियों ने घी के दिए जलाए आज…
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के बरनावा आश्रम पधारने की खुशी में प्रस्तुत है दिल को छू लेने वाली एक कवित, कुलदीप कुलदीप स्वतंत्र की कलम से....
कविता: पूज्य गुरु जी आज घर आए हैं...
आपके नूर की फिर हुई बरसात,
प्रेमियों ने घी क...
अपनी बात कहना भी एक कला है
हमारे जीवन में बात करने या अपने पक्ष को प्रस्तुत करने के ढंग का बड़ा महत्त्व है, या यों कह लीजिये कि मनुष्य में वाक्य कौशलता एक सिद्धि है। जो मनुष्य बात करने की कला और महत्त्व को अच्छी तरह जानते-समझते हैं, वे अपनी बोलचाल की भाषा में उचित, सरल, नम्र और...
मन की बुराई का दहन है जरूरी
आज समाज में चहुँ ओर हिंसा, अराजकता व झूठ का बोलबाला है। प्रत्येक वर्ष विजयदशमी के पर्व पर कागज के पुतले फूंक कर बुराई की इति श्री के मिथ्या भ्रम में ही उलझे रहते हैं और अपने अन्दर छिपी बुराइयों को नजरंदाज कर देते हैं क समाज की प्रत्येक इकाई से गिर रह...
इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी
तीन अक्टूबर 1977 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया गया था। (Indira Gandhi) उन पर चुनाव प्रचार के लिए जीप की खरीदी में भ्रष्टाचार का आरोप था। कहा गया कि 1977 के लोकसभा चुनाव के दौरान रायबरेली में इंदिरा के लिए 100 जीपें खरीदी गई थीं।...
इन रौचक खेलों को भूले आज के बच्चे
नमस्कार दोस्तों, आज के आधुनिक युग में समय जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे हमारे देश के भविष्य कहलाने वाले बच्चे अपने आपको केवल मोबाइल फोन तक ही सीमित रखते जा रहे है, यहां तक कि बहुत से बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा खेले जाने वाले पुरातन खेलो...
जानें, क्यों मनाया जाता है दशहरा का पर्व? | Dussehra
विजय दशमी दशहरा (Dussehra) का पर्व बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक पर्व है, यह पर्व देश की सांस्कृतिक चेतना एवं राष्ट्रीयता को नवऊर्जा देने का भी पर्व है। आज भी अंधेरों से संघर्ष करने के लिये इस प्रेरक एवं प्रेरणादायी पर्व की संस्कृति को जीवंत बनाने की ...