नाटो में जाने के लिए फिनलैंड और स्वीडन असमंजस में

Finland and Sweden

हेलेंस्की (एजेंसी)। फिनलैंड और स्वीडन की संसद सोमवार को उन सरकारी रिपोर्टों पर चर्चा करेगी, जो नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) में सदस्यता प्राप्त करने के उनके द्वारा भेजे गए आवेदनों को मंजूरी देने की प्रक्रिया से संबंधित है। फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन नाटो में फिनलैंड के शामिल होने को लेकर रिपोर्ट पेश करेंगी, जिसके बाद संसद में बहस होगी। फिनलैंड की संसद ने एक बयान में कहा है, ‘यदि बहस में किसी ऐसे प्रस्ताव की पेशकश की जाती है, जो रिपोर्ट में दी गई राय से अलग है और समर्थित है, तो बहस के अंत में इन पर मतदान कराया जा सकता है।’ वहीं, स्वीडिश संसद सुरक्षा नीति भी रिपोर्ट पर चर्चा करेगी, जिसे स्वीडिश प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।

स्वीडन की संसद ने कहा है, ‘हर पार्टी से एक-एक प्रतिनिधि को बहस में भाग लेने की अनुमति होगी, जो दस मिनट की समयावधि से अधिक नहीं होगी।’ फिनलैंड के विशेषज्ञों को बहस के मंगलवार तक चलने की उम्मीद है, जबकि स्वीडिश अखबार एक्सप्रेसन ने बताया कि संसद में बहस के तुरंत बाद स्वीडिश कैबिनेट के प्रमुख सोमवार को एक विशेष सरकारी बैठक बुलाएंगे, जहां नाटो की सदस्यता पर निर्णय लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 24 फरवरी को रूस के द्वारा यूक्रेन में एक विशेष सैन्य अभियान के शुरू करने के बाद से फिनलैंड और स्वीडन नाटो में शामिल होने की योजना पर विचार कर रहे हैं। मार्च में, नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि अगर वे नाटो में शामिल होने का फैसला कर लेते हैं, तो उनके आवेदनों पर तेजी से काम किया जाएगा।

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