पहले श्रोताओं से जुड़ें, फिर नीतियों व स्कीमों पर गीत सुनाएं : मांगेराम

policies and schemes sachkahoon

गुरुग्राम में शुरू हुई रोहतक मंडल के प्रचार अमले की कार्यशाला

सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। हरियाणवी फिल्मों के लिए कई लोकप्रिय गीत लिख चुके प्रख्यात गीतकार मांगेराम खत्री (Policies And Schemes) ने कहा कि कलाकार अपनी कला के बल पर श्रोताओं को बांधे रखता है। विभागीय कलाकार श्रोताओं को ध्यान में रखकर अपनी प्रस्तुति की शुरूआत करें। पहले उनके साथ जुड़ाव करें और उसके बाद ही बीच-बीच में सरकार की नीतियों और स्कीमों पर गीत सुनाएं। यह बात उन्होंने सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के रोहतक मंडल के प्रचार अमले की चार दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर बोलते हुए कही।

यह कार्यशाला गुरुग्राम के स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद भवन में आयोजित की जा रही है। पहले दिन की कार्यशाला में प्रचार अमले को सरकार की योजनाओं व उपलब्धियों पर आधारित कार्यक्रमों का बेहतर व प्रभावी ढंग से प्रचार प्रसार करने संबंधी तौर तरीके सिखाए गए। मांगे राम खत्री ने आगे कहा कि सूचना, जन सम्पर्क विभाग के लोक कलाकार अच्छे हैं। वर्षों से विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। इन्हें अब समय की मांग के अनुरूप अपनी शैली और प्रस्तुतीकरण बदलने की जरूरत है। बदलाव ऐसा कि जिसमें लोक कला की मौलिकता भी प्रभावित ना हो।

सरकार की आँख, नाक, कान हैं जनसम्पर्क विभाग : दहिया

सेवानिवृत्त जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी रणबीर सिंह दहिया ने कहा कि जनसम्पर्क विभाग के प्रचार अमले को सरकार की आँख व कान कहा जाता है, इसलिए वे सरकार की नीतियों का प्रचार करने के साथ-साथ उन नीतियों पर लोगों की प्रतिक्रिया से भी सरकार को अवगत करवाएं। उन्होंने प्रचार अमले से कहा कि वे सरकार की नीतियों व फैसलों को अच्छी तरह समझें। उनके बारे में ग्रामीणों को भी बताएं, ताकि आम जनता उन नीतियों का भरपूर लाभ उठा सके।

ग्रामीणों की बोली में ही योजनाओं का करें प्रचार : सांगवान

सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त निदेशक (एनसीआर) रणबीर सिंह सांगवान ने कहा कि विभागीय प्रचार अमले का दायित्व है कि वह उन योजनाओं को सरल करके ग्रामीणों की अपनी बोली में उनके सामने प्रस्तुत करे। कोई भी प्रचारक तब तक सफल नहीं हो सकता, जब तक उसके पास पूर्ण जानकारी ना हो, इसलिए आप लोग सरकार की योजनाओं पर तथ्यपरक पूर्ण जानकारी हासिल करें। यदि कहीं पर असमंजस हो या योजना समझ में कम आ रही हो तो उसमें अपने जिला के जनसम्पर्क अधिकारी का सहयोग लें।

लोकेश शर्मा व प्रेम सिंह देहाती ने भी दी जानकारी

कार्यशाला में संगीत प्राध्यापक लोकेश शर्मा ने राष्ट्रगान के सही उच्चारण सहित इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गान को सही उच्चारण करते हुए 52 से 56 सेकंड के बीच गाया जाता है। उन्होंने राष्ट्रीय गान की सही शैली की जानकारी दी और प्रचार अमले को ना केवल सही तरीके से गाकर दिखाया। उसका अभ्यास भी करवाया। हरियाणा के राज्य लोक गायक रहे प्रेम सिंह देहाती ने अपने विचार रखे और सामाजिक (Policies And Schemes) व्यवस्था पर रागनी प्रस्तुत कर प्रचार को प्रभावी बनाने के तौर तरीके बताए।

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