Google रेटिना स्कैन से जांच सकेंगे दिल की बीमारी

Google, Retina Scan, Test, Heart Disease

नई दिल्ली।

गूगल और उसके स्वास्थ्य-तकनीकी में सहयोगी Verily  के वैज्ञानिक ने इंसानों में हॉर्ट की बीमारी का पता लगाने का एक तरीका ढूंढ़ निकाला है। कंपनी आॅर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से मरीज की आंख के रेटिना को स्कैन करेगी और हार्ट के बीमारी का पता लगाएगी। कंपनी का सॉफ्टवेयर किसी की वास्तविक उम्र और ब्लड प्रेशर के अलावा यह भी बताने में सक्षम है कि व्यक्ति स्मोकिंग करता है या नहीं। गूगल का यह सॉफ्टवेयर आॅख की रेटिना को स्कैन हार्ट की बीमारी के कारण के बारे में भी बता सकता है।

इस एल्गोरिदम से डॉक्टरों को हार्ट से संबंधित बीमारी का इलाज करने में आसानी होगी और समय की भी बचत होगी। इस सॉफ्टवेयर से स्कैन कराने के बाद आपको ब्लड टेस्ट कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन इसे क्लिनिकल मेथड के तौर पर अपनाने से पहले इसका कई बार टेस्ट जरूरी है। गूगल और Verily  के वैज्ञानिक ने इस एल्गोरिदम से करीब 3 लाख मरीजों का मेडिकल डाटासेट तैयार किया और उसका विश्लेषण किया। इसमें आॅख के स्कैन के साथ ही जनरल मेडिकल डाटा भी है।

वैज्ञानिकों ने आंखों का स्कैन करने के बाद उसका विश्लेषण किया। गूगल एल्गोरिदम के सामने दो इंसान की रेटिना इमेज प्रस्तुत की गई। एक इंसान पिछले 5 साल से हृदय की बीमारी से पीड़ित था, जबकि दूसरा स्वस्थ था। गूगल एल्गोरिदम ने दोनों को बारे में सटीक जानकारी दी। गूगल एल्गोरिदम ने हृदय की बीमारी से पीड़ित के बारे में बताया कि इसमें 70 फीसदी हार्ट अटैक का खतरा है।  जबकि ब्लड टेस्च कराने पर पता चला कि इस व्यक्ति में 72 फीसदी हार्ट अटैक का खतरा है।

यह रिसर्च ‘नेचर जर्नल बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग’ में छपा। हालांकि, किसी की आंख को स्कैन करके उसके स्वास्थ्य के बारे में बताना आसान नहीं है। वैज्ञानिकों को इसे मरीजों के इलाज में अपनाने से पहले रिसर्च और टेस्ट करना होगा। अगर यह टेक्नोलॉजी सफल होती है, तो मेडिकल जगत में नई क्रांति आ सकती है।

 

 

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।