कपास उत्पादक किसानों की बल्ले-बल्ले
- खुले बाजार में दोगुना मिल रहा भाव
भिवानी (सच कहूँ न्यूज)। इन दिनों ओपन मार्केट व मंडियों में सफेद सोना कही जाने वाली कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य से दोगुने भाव में बिक रही है, जिससे किसानों को खासा लाभ मिल रहा है। इस बार मानसून की अच्छी बरसात के बाद कपास व बाजरा की बंपर पैदावार हुई है। इन दिनों कपास की पहली चुगाई मंडियों व आढ़तियों तक पहुंच चुकी है, जहां कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6 हजार 80 रुपए है तो वहीं खुले बाजार में कपास 10 हजार 500 से 11 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव बिक रही है। भिवानी अनाज मंडी में भी आढ़तियों के हाथों अच्छा भाव किसानों को बाजरे व कपास का मिल रहा है। भिवानी अनाज मंडी के सुपरवाईजर योगेश शर्मा व आढ़ती नरेंद्र बंसल ने बताया कि ओपन मार्केट में अबकी बार पिछले वर्ष के मुकाबले किसानों को अच्छे भाव मिल रहे हैं।
न्यूनतम समर्थन मूल्य 6 हजार 80 के मुकाबले 11 हजार रुपए तक नरमा, कपास का भाव मिल रहा है। भाव अधिक होने के कारण अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कपास की अधिक मांग है व अच्छी बरसात के कारण उत्तम क्वालिटी की कपास पैदा होना है। मंडी सुपरवाईजर ने बताया कि एक अक्तूबर से बाजरा व मूंग की सरकारी खरीद शुरू होगी। किसान अपना बाजरा सुखाकर ही मंडी में लाए, ताकि उन्हें अच्छा भाव मिल सके। अबकी बार बाजरे का सरकारी भाव 2350 रुपए निर्धारित किया गया है। हालांकि माना जा रहा है कि ओपन मार्केट में आने वाले दिनों में बाजरा भी एमएसपी भाव से ज्यादा बिकेगा।
जिले के गाँव अजीतपुर के किसान दिलबाग, कितलाना के किसान विनोद व सुनील ने बताया कि उन्हें ओपन मार्केट में उनकी कपास के भाव 11 हजार रुपए तक मिले हैं। ये भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से लगभग दोगुने हैं। ऐसे में उन्हें अबकी अपनी फसल के अच्छे दाम मिले है, जिससे उन्हें काफी लाभ हुआ है। यदि इसी प्रकार भाव मिलते रहे तो वे अगले वर्ष भी कपास की पैदावार करेंगे। किसानों का यह भी कहना था कि कपास उत्पादन में लागत बढ़ने तथा कपास चुगाई की मजदूरी बढ़ने के कारण कपास उत्पादन की लागत बढ़ी है, परन्तु न्यूनतम समर्थन मूल्य से दोगुने भाव मिलने के बाद अब वे अच्छा लाभ कमा पा रहे हैं।
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